समीरा का चरित्र चित्रण: कमलेश्वर जी के लघु उपन्यास 'वही बात' की नायिका समीरा चीफ इंजिनियर की पत्नी है। उन दोनों के असफल दाम्पत्य जीवन की कहानी इस उपन्
समीरा का चरित्र चित्रण - Sameera Ka Charitra Chitran
समीरा का चरित्र चित्रण: कमलेश्वर जी के लघु उपन्यास 'वही बात' की नायिका समीरा चीफ इंजिनियर की पत्नी है। उन दोनों के असफल दाम्पत्य जीवन की कहानी इस उपन्यास का विषय है। समीरा का बहुत कम चरित्र अंकन इस उपन्यास में हुआ है। चाहे वह केंद्र के रूप में क्यों न हो।
अकेलापन - चीफ इंजिनियर प्रशांत एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट के पीछे लगा हुआ है। वह उस प्रोजेक्ट को किसी भी हालत में पूरा करना चाहता है। इसमें डेप्युटी चीफ नकुल उसकी सहाय्यता कर रहा है। प्रशांत हमेशा व्यस्त रहता है और समीरा उसके लौटने का इंतजार करती रहती है। वह कभी कभी उससे पूछती भी है - "इतनी सफलता को लेकर क्या करोगे, जितनी है, उतनी ही मेरे लिए काफी है। वह बेहद अकेलापन महसूस करती है। लेकिन प्रशांत उसे बातों में बहला देता है।
नकुल के प्रति आकर्षित - अकेली समीरा धीरे-धीरे डेप्युटी चीफ नकुल के प्रति आकर्षित होने लगती है। और उसे प्रशांत की कमी महसूस नहीं होती। वह पहले बार - बार प्रशांत को हिदायत देती है लेकिन प्रशांत अपनी ही रौ में बढ़ता चला जाता है। सफलता की अति आकांक्षा के कारण वह समीरा से दूर होता चला जाता है। जब प्रशांत को समीरा और नकुल के सम्बन्धों का पता चलता है तो प्रशांत उसे त्यागने के लिए तैयार हो जाता है।
ऊब-जब समीरा नकुल के साथ रहने लगती है तो फिर वह भी उसी प्रकार सफलता की आकांक्षा लेकर बैठ जाता है। वह भी समीरा की उपेक्षा करने लगता है और समीरा फिर एक बार अकेली पड़ने लगती है। समीरा का जीवन फिर से ऊबने लगता है।
इस उपन्यास में समीरा के चरित्र चित्रण के रूप में सिर्फ उसका अकेलापन पाककला कौशल्य, सौंदर्य आदि बातों को ही लिया गया है। मनुष्य की अतिसफलता की आकांक्षा परिवार विघटन का कारण कैसे बन जाता है, इस बात का चित्रण समीरा के माध्यम से किया गया है।
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