अमित का चरित्र चित्रण: अमित नया रास्ता उपन्यास का प्रमुख पुरुष पात्र है। वह मेरठ का रहने वाला व मायाराम जी का पुत्र है। अमित एक पढ़ा-लिखा, समझदार, जिम
अमित का चरित्र चित्रण (नया रास्ता) - Amit ka Charitra Chitran
अमित का चरित्र चित्रण: अमित नया रास्ता उपन्यास का प्रमुख पुरुष पात्र है। वह मेरठ का रहने वाला व मायाराम जी का पुत्र है। अमित एक पढ़ा-लिखा, समझदार, जिम्मेदार, भावुक, माता-पिता का आज्ञाकारी है। वह मीनू के रंग-रूप व गुणों पर मोहित हो जाता है लेकिन माता-पिता द्वारा दहेज के लोभ में आकर मीनू से रिश्ता तोड़ने पर वह आहत होता है। अमित बड़े घर की लड़की से शादी करने से इन्कार कर देता है। वह माँ से प्रश्न पूछता है कि क्या बड़े घर की लड़की तुम्हारे साथ रह सकेगी? हमारे घर के वातावरण में घुल-मिल सकेगी? दूसरी तरफ अमित में इतना साहस नहीं है कि वह माँ की व्यंग्यभरी बातों का विरोध कर सके। चाहकर भी उनके समक्ष बोल नहीं पाता। उसके कारण मीनू की भावनाओं को ठेस लगने की बात जानकर उसे ग्लानि का अनुभव होता है वह मीनू से इस सबके लिए क्षमा भी माँगता है।
नीलिमा की शादी में अमित ने मीनू को देखा, उसके गीत की प्रशंसा की, मीनू उसे देखते ही घर चली जाती है। मेरठ में एक चप्पल की दुकान में पुनः उसकी मुलाकात मीनू से होती है। वह मीनू से कुछ कहना चाहता है परन्तु यहाँ भी मीनू से उसकी बात नहीं हो पाती। मीनू चप्पल की दुकान से तुरन्त चली जाती है।
अपने घनिष्ठ मित्र सुरेन्द्र के पुत्र के नामकरण संस्कार में अमित जाता है। वहाँ मीनू भी जाती है। वह मीनू को देखता है और उससे बात करना चाहता है। कार्य से निवृत्त होने पर जब भाभी नीलिमा से मीनू के बारे में पूछता है तो नीलिमा बताती है कि वह चली गयी है।
नीलिमा अमित को मीनू के साथ जो घटा था उसे बताती है। अमित को आत्मग्लानि महसूस होने लगती है वह अपने को दोषी मानता है। अमित के मस्तिष्क में मीनू का वह मासूम चेहरा घूमने लगता है, जिसने पहली ही मुलाकात
में उसका दिल मोह लिया था।
माँ के लाख कहने पर भी अमित शादी करने के लिए तैयार नहीं होता। माँ को उसके व्यवहार में बदलाव - सा लगता है। मीनू जब मेडिकल कॉलेज में अमित को देखने आती है तो अमित मीनू से क्षमा माँगता है और अपनी व्यथा- कथा उसे सुनाता है। मीनू का हृदय - परिवर्तित हो जाता है। उसके दिल से अमित के प्रति घृणा के भाव समाप्त हो जाते हैं। अंत में अपनी भूल सुधारता हुआ मीनू का हाथ माँगने मीनू के घर जाता है और उसी से विवाह करता है। वह एक सच्चा प्रेमी है जो मीनू को हृदय से प्रेम करता है। मीनू को पाकर अमित अपने को भाग्यशाली अनुभव करता है।
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