जल ही जीवन है पर संवाद लेखन : In This article, We are providing जल संरक्षण पर संवाद लेखन and पानी की समस्या पर संवाद लेखन for Students and teachers.
जल ही जीवन है पर संवाद लेखन : In This article, We are providing जल संरक्षण पर संवाद लेखन and पानी की समस्या पर संवाद लेखन for Students and teachers.
जल ही जीवन है पर संवाद लेखन
मित्र 1 : शिवम क्या इतने परेशान क्यों हो ?
मित्र 2 : मोहन, हमारे मोहल्ले में पिछले 2 दिन से पानी नहीं आ रहा है। पानी के बिना बड़ी समस्या हो रही है।
मित्र 1 : सही कह रहे हो, पानी के बिना बहुत मुश्किल होती है।
मित्र 2 : एक वो समय था जब मैं पानी को ऐसे ही व्यर्थ बहाता था और आज देखो एक-एक बूँद पानी के लिए तरस रहा हूँ।
मित्र 1 : सच में, पानी का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। इसीलिए मैं तो पानी की बड़ी बचत करता हूँ।
मित्र 2 : पानी के बिना हम कुछ नहीं कर सकते है। पानी पीना छोड़ देंगे या कपडे नहीं धोयेंगे ? हर काम में तो पानी इस्तेमाल होता है।
मित्र 1 : सही में , पानी के बिना जिंदगी असंभव है। किसी ने सही ही कहा है कि जल है तो जीवन है।
मित्र 2 : जल है तो जीवन है नहीं दोस्त बल्कि जल ही जीवन है क्योंकि जल ही पेड़ पौधों और पर्यावरण का आधार है।
मित्र 1 : आज मुझे समझ आ गया कि पानी का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए, पानी को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए।
मित्र 2 : सही कर रहे हो, यदि आज पानी को नहीं बचाया तो , तो कल हम सब का जीवन खतरे में है।
जल संरक्षण पर संवाद लेखन
सुरेंद्र : महेंद्र कैसे हो ? क्या बात है बड़े परेशान दिख रहे हो।
महेंद्र : कुछ नहीं भाई, आज हमारे शिक्षक ने हमें 'जल ही जीवन है' पाठ पढ़ाया। बस उसी बारे में सोच रहा हूँ।
सुरेंद्र : अच्छा! क्या बताया तुम्हारे अध्यापक ने ?
महेंद्र : उन्होंने बताया कि धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है और उसमे से भी तीन प्रतिशत ही पीने योग्य है यदि जल ही ना होता तो धरती पर जीवन भी संभव नहीं था । जल के कारण ही तो धरती पर जीवन की परिस्तिथि बनी। बस तब से मैं इसी विषय में ही सोच रहा हूँ
सुरेंद्र : तो इसमें परेशान होने वाली क्या बात है।
महेंद्र : यार सुरेंद्र क्या तुम नहीं जानते कि किस प्रकार देश के कई इलाकों में पानी की कितनी मुश्किलें है, उन्हे पीने का पानी आसानी से मिल नहीं पाता है।
सुरेंद्र : हाँ महेंद्र ये बात सच है कुछ स्थान पर जल आसानी से नहीं मिलता है, और सब को पानी के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
महेंद्र : यही नहीं सुरेंद्र, उन्हे वहाँ पानी नही मिलता और हम यहाँ पानी को व्यर्थ गवाते हैं हम यहाँ पानी की कीमत को नहीं समझते हैं। जो पानी हम लोगों को आसानी में उपलब्ध हो जाता है उस पानी के लिए कितने लोगों को कई मील रोज चलना पड़ता है। पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस जाते है।
सुरेंद्र: महेंद्र चलो हम आज से यह निर्णय लेते है की हम पानी को बर्बाद नहीं करेंगे।
महेंद्र : ठीक है सुरेंद्र, और हम सभी लोगों को जल के महत्व के बारे में बताएँगे।
पानी की समस्या पर संवाद लेखन
पिता : बेटा! तुम पाइप से गाड़ी क्यों धो रहे हो?
पुत्र : पिताजी कार बहुत गंदी हो गई है, इसलिए पाइप लगाकर पानी से धो रहा हूँ।
पिता : बेटा ! तुम्हें पता है जितना पानी तुमने कार धोने में इस्तेमाल किया है, उससे दस लोगों की प्यास बुझ सकती थी।
पुत्र : वह कैसे पिताजी ?
पिता : बेटा , आजकल पानी की बहुत कमी होती जा रही है । कई लोगों को तो पीने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है।
पुत्र : हाँ! मैंने भी दूरदर्शन पर देखा है कि कई इलाकों में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
पिता : हाँ बेटा ! हमें पानी व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
पुत्र : मैं आपकी बात समझ गया हूँ। आज से मैं पानी बिलकुल बर्बाद नहीं करूँगा।
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