महिला सशक्तिकरण के लिए राजा राममोहन राय के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
महिला सशक्तिकरण हेतु राजा राममोहन राय के प्रयास
राजा राममोहन राय का नाम हिन्दू धर्म पुनरुत्थान आंदोलन तथा समाजसुधारों के क्रम में अति महत्वपूर्ण है। राजा राममोहन राय द्वारा 'महिला सशक्तिकरण' की दिशा में मुख्य रूप से कई महत्वपूर्ण व विशिष्ट प्रयास किये गये -
(1) सती प्रथा का विरोध - राजा राममोहन राय ने तत्कालीन हिन्दू समाज में व्याप्त ‘सती प्रथा' जैसी अमानवीय, रूढ़िवादी व महिला उत्पीड़न से सम्बंधित कुरीति का पुरजोर विरोध किया। उनके प्रयासों से ब्रिटिश सरकार ने 'सती प्रथा उन्मूलन' कानून पारित किया और 'सती प्रथा' को गैर कानूनी व दण्डनीय अपराध बना दिया गया। फलस्वरूप इस प्रथा के प्रचलन में गिरावट आयी और धीरे-धीरे यह कुरीति समाप्त हो गयी।
(2) विधवा पुनर्विवाह का समर्थन - राजा राममोहन राय ने विधवा प्रथा पर भी कठाराघात किया और विधवाओं के भी मानवाधिकारों की वकालत करते हुए, इनके पुनः विवाह कराये जाने का समर्थन किया। उन्होंने पुरजोर तरीके से विधवाओं के पुनरुत्थान के प्रयास किये तथा समाज में जागरूकता फैलाने का भरपूर प्रयत्न किया।
(3) बाल विवाह का विरोध - राजा राममोहन राय ने तत्कालीन समाज में प्रचलित 'बाल विवाह' प्रथा का भी विरोध किया क्योंकि बाल्यावस्था में ही विवाह के उपरान्त यदि लड़के की मृत्यु हो जाती थी तो बालिका को तब से लेकर संपूर्ण जीवन काल तक उसका विधवा के रूप में जीवन बिताना पड़ता था। साथ ही साथ यह प्रथा बालिकाओं के स्वास्थ्य व विकास के अवसरों की भी विरोधी प्रतीत होती थी। अतः राजा राममोहन राय द्वारा इसका विरोध किया गया और उन्होंने समाज में भी इसके प्रति जागरूकता फैलाकर 'महिला सशक्तिकरण' की दिशा में सराहनीय प्रयास किये।