इतिहास की व्याख्या और सामाजिक पुनर्निर्माण के बारे में बताये।
इतिहास की व्याख्या और सामाजिक पुनर्निर्माण
राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन से हमें इतिहास की व्याख्या करने में भी सहायता मिलती है। किसी युग-विशेष में प्रचलित राजनीतिक-सिद्धांत से हमें तत्कालीन बौद्धिक वातावरण की जानकारी मिलती है, और राजनीतिक संस्थाओं तथा राजनीतिक आन्दोलनों से जुड़े हुए विचारों का पता चलता है। उदाहरण के लिए, प्लेटो के राजनीतिक-चिन्तन से हमें तत्कालीन एथेन्स और अन्य यूनानी नगर-राज्यों के संकट का संकेत मिलता है; और रूसो के चिन्तन से हमें क्रांति-पूर्व फ्रांस के लोगों की दशा, उनकी सोच और आशाओं की जानकारी मिलती है।
अतीत के राजनीतिक चिन्तन की जानकारी हमें वर्तमान राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को समझने में भी सहायता देती है। हमारी बहुत सारी वर्तमान समस्याएँ अतीत की परिस्थितियों से पैदा हुई हैं। हम आज के युग में ऐसे अनेक सिद्धांतों का प्रयोग करते हैं जो अतीत की परिस्थितियों से विकसित हुए हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमरीका की शासन-प्रणाली आज भी 'शक्ति-पार्थक्य' (Separation of Powers) के सिद्धांत पर चलती है; ब्रिटिश शासन प्रणाली में आज भी 'विधि के शासन' (Rule of Law) के सिद्धांत का अनुसारण किया जाता है; और 'शक्ति-संतुलन' का सिद्धांत आज भी अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है। ये सब सिद्धांत अतीत के चिन्तन की देन हैं।