अंगूर पर निबंध Essay on Grapes Fruit in Hindi अंगूर सर्वाधिक खाए जाने वाले फलों में से एक है।दोस्तो आज हमने अंगूर पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। Get Long and Short Essay on Grapes Fruit in Hindi in this article. अंगूर पर छोटा निबंध Short Essay on Grapes Fruit in Hindi अंगूर एक रसीला तथा गूदेदार फल है। अंगूर मुख्य रूप से बाजार में दो रंगों में आते हैं - हरा या बैंगनी। लेकिन यह कई अलग-अलग रंगों में भी आते हैं जैसे लाल, हरा, सुनहरा, बैंगनी, गुलाबी, काला और सफेद आदि।खट्टेपन और मिठास का इसका मिश्रित स्वाद हर किसी को इसे पसंद करता है। इसका रस किसी भी कार्बोनेटेड पेय के लिए एक सही विकल्प है।
अंगूर पर निबंध Essay on Grapes Fruit in Hindi
अंगूर पर निबंध Essay on Grapes Fruit in Hindi : अंगूर सर्वाधिक खाए जाने वाले फलों में से एक है।दोस्तो आज हमने अंगूर पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। Get Long and Short Essay on Grapes Fruit in Hindi in this article.अंगूर पर छोटा निबंध Short Essay on Grapes Fruit in Hindi
अंगूर एक रसीला तथा गूदेदार फल है। अंगूर मुख्य रूप से बाजार में दो रंगों में आते हैं - हरा या बैंगनी। लेकिन यह कई अलग-अलग रंगों में भी आते हैं जैसे लाल, हरा, सुनहरा, बैंगनी, गुलाबी, काला और सफेद आदि।खट्टेपन और मिठास का इसका मिश्रित स्वाद हर किसी को इसे पसंद करता है। इसका रस किसी भी कार्बोनेटेड पेय के लिए एक सही विकल्प है।
अंगूर खाना बहुत आसान है। इसे खाने के लिए छीलने या काटने की जरूरत नहीं होती, बस इसे धोएं और खाएं।किसी भी अन्य फल की तरह अंगूर खनिज और विटामिन से भरे होते हैं। ये अंगूर के बागों में गुच्छों में उगते हैं।इनको बेरी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह बेल पर उगने वाला फल है। इसकी बेल की लंबाई 15 से 20 मीटर तक हो सकती हैं। इसकी 60 प्रजातियां पूरी दुनिया में पाई जाती हैं।
अंगूर की खेती लगभग सम्पूर्ण भारत में की जाती है। इसकी खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। उत्पादन के दृष्टि से दक्षिण में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु जबकि उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली आदि प्रमुख राज्य हैं।
अंगूर की खेती लगभग सम्पूर्ण भारत में की जाती है। इसकी खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। उत्पादन के दृष्टि से दक्षिण में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु जबकि उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली आदि प्रमुख राज्य हैं।
इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों को गार्निश करने और ड्रेसिंग के लिए किया जा सकता है। बच्चों को यह सबसे ज्यादा तब पसंद आता है जब पिघले चॉकलेट के साथ ठंडा अंगूर परोसा जाता है।
अंगूर ग्लूकोज और फ्रुक्टोज का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं यही कारण है कि वे मीठे, स्वादिष्ट और रसदार हैं। अंगूर से हमें जो ऊर्जा मिलती है वह अधिक समय तक रहती है क्योंकि वे कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत हैं। हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को धीरे-धीरे पचाता है। इसमें विभिन्न विटामिन और खनिज होते हैं और साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो इसे खाने के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
अंगूर ग्लूकोज और फ्रुक्टोज का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं यही कारण है कि वे मीठे, स्वादिष्ट और रसदार हैं। अंगूर से हमें जो ऊर्जा मिलती है वह अधिक समय तक रहती है क्योंकि वे कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत हैं। हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को धीरे-धीरे पचाता है। इसमें विभिन्न विटामिन और खनिज होते हैं और साथ ही इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो इसे खाने के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
अंगूर पर बड़ा निबंध Long Essay on Grapes Fruit in Hindi
अंगूर मानव जाति के लिए प्रकृति के बहुमूल्य उपहारों में से एक है। यह अत्यधिक उपयोगी फलों में से एक है। यह स्वादिष्ट, पोषक और आसानी से पचनेवाला फल है। अंगूर की कई किस्में हैं जो आकार, रंग, सुगंध और स्वाद में भिन्न होती हैं। यह हरे, काले, लाल और बैगनी रंगों में पाया जाता है।
अंगूर की खेती प्राचीन समय से ही होती आ रही है। मानव द्वारा उगाई जानेवाली अति प्राचीन फलों की बेलों में से यह एक है। मिस्र के आठ हजार वर्ष पुराने शिलाखंडों में अंगूर की नक्काशी पाई गई है। बाइबल' में भी इस फल के कई संदर्भ मिलते हैं।
माना जाता है कि यह काकेशिया (caucasia) और उसके आस-पास के क्षेत्रों में उद्गमित हुआ है। यहाँ से यह धीरे-धीरे उष्ण क्षेत्रों-पश्चिम एशिया, दक्षिण यूरोप, अल्जीरिया और मारकोस में क्रमिक रूप से फैला। भारत में यह बहुत पहले से पहुँच चुका था। अब इस फल को दक्षिण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और मध्य-पूर्व के देशों में व्यापक पैमाने पर उत्पन्न किया जाता है।
आहार मूल्य
प्रमुखतः इसमें शर्करा की मात्रा अधिक होने के कारण, जो कि पूर्णतया ग्लूकोज से बनती है, यह बहुत उपयोगी फल है। अंगूर की विभिन्न किस्मों में ग्लूकोज की मात्रा 15 से 25 प्रतिशत तक रहती है। ग्लूकोज पूर्व पचित आहार है और यह रक्त में जल्दी ही घुलनशील है। यह थोड़े समय में ही शरीर को ऊर्जा देता है।
अंगूर में कई अन्य खाद्य तत्व भी पाए जाते हैं। हलके हरे अंगूरों में प्रति 100 ग्राम में लगभग आर्द्रता 79.2, प्रोटीन/वसा 0.3, खनिज 0.6, रेशा 2.9 और कार्बोहाइड्रेट 16.5 प्रतिशत रहता है। इसके प्रति 100 ग्राम गूदे में कैल्सियम 20 मि.ग्रा., फॉस्फोरस 30 मि.ग्रा., लौह 0.5 मि.ग्रा. और विटामिन 'सी' 1 मि.ग्रा. रहता है। इसका कैलोरिक मूल्य 71 है।
औषधीय उपयोग
अंगूर में ग्लूकोज की मात्रा पर्याप्त परिमाण में होती है। अध्ययनों से ज्ञात होता है कि हृदय और शरीर के महत्त्वपूर्ण अवयवों को उचित प्रकार से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा ग्लूकोज के मेटाबोलिज्म पर आधारित है। अतः अंगूर आसानी से घुलनशील होने के कारण शरीर को शक्ति प्रदान करता है। इसलिए यह कमजोर पाचन, सामान्य कमजोरी और बुखार में बहुत उपयोगी है।
सामान्य उपयोग
अंगूर का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। साधारणतया इन्हें फल के रूप में खाया जाता है। इन्हें सुखाकर किशमिश के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है। इससे जैम और जैली भी बनते हैं। यह मीठी चटनी, रायता, खीर आदि व्यंजनों में भी उपयोग में लाया जाता है। इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों को गार्निश करने और ड्रेसिंग के लिए किया जा सकता है। बच्चों को यह सबसे ज्यादा तब पसंद आता है जब पिघले चॉकलेट के साथ ठंडा अंगूर परोसा जाता है।
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