चींटी पर निबंध। Essay on Ant in Hindi
चींटी एक सामाजिक प्राणी है, उसका अपना समाज होता है, जिसमें वह हिल-मिलकर नियमपूर्वक रहती है। चींटियों की कॉलोनियों में एक या एक से अधिक रानियां, श्रमिक, अंडे, लार्वा और प्यूपा शामिल होते हैं। वह अत्यधिक लघु प्राणी है, परंतु उसका हृदय एवं आत्मबल अत्यंत विशाल है। चींटियों की पंक्ति भूरे बालों की कतरन के समान दिखाई देती है। उसकी लघुता को सभी जानते हैं, लेकिन उसके हृदय में असीम साहस है। वह सारी पृथ्वी पर, जहाँ चाहती है, निर्भय होकर विचरण करती है, उसे किसी भी स्थान पर घूमने में भय नहीं लगता है। वह लगातार अपने श्रम से, भोजन को एकत्र करने के काम में तल्लीन होकर जुटी रहती है। चींटी श्रम की साकार मूर्ति है। वह जीवन की कभी नष्ट न होने वाली चिंगारी है।
चींटी का आकार : चींटियों के आकार में भिन्नता होती है। इनका आकार कुछ मिलीमीटर से लेकर कुछ सेन्टीमीटर तक हो सकता है। सभी कीड़ों की तरह, एक चींटी के शरीर को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया जाता है - सिर, वक्ष और पेट। चींटियों के पास एक कठोर, जलरोधक एक्सोस्केलेटन होता है, जिसकी मदद से वे अपना स्वयं के वजन का 10 गुना वजन उठा सकती हैं। उनके पास दो आँखें हैं रास्ते का पता लगाने के लिए उपयोग की जाती हैं, और कई एकल आँखें, जो प्रकाश का पता लगाने के उद्देश्य से हैं। चींटियों के दो पेट होते हैं। जिनमें से एक पेट का उपयोग चींटी भोजन को पचाने के लिए जबकि दूसरे पेट में वह भोजन को सहेजती है। यह भोजन वह जरूरत के समय में कॉलोनी की बाकी चीटियों को दे देती है। मान लीजिये एक चींटी भूख से मर रही है, यह दूसरी चींटी तक जाती है उसे संकेत देती है "मुझे भूख लगी है। मुझे कुछ खाने को दो"। संकेत प्राप्त करने वाली चींटी भूखी चींटी को खाने के लिए कुछ भोजन दे देती है।
रोचक तथ्य : चींटियां छोटी और तुच्छ लग सकती हैं, लेकिन इस पर विचार करें - पृथ्वी पर सभी चींटियों का संयुक्त वजन संभवतः पृथ्वी पर सभी लोगों के संयुक्त वजन के बराबर होता है। चूंकि ग्रह लगभग 6 बिलियन मनुष्यों का समर्थन करता है, चींटियों की खगोलीय संख्या की कल्पना करो! चींटियों की 8,800 से अधिक प्रजातियों की पहचान की गई है, लेकिन वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 20,000 से अधिक चीटियों की प्रजातियां मौजूद हैं।
उपसंहार : चींटी एक अतिलघु प्राणी है, परंतु उसमें जीवन की संपूर्ण ज्योति जगमगाती है। वह कठोर परिश्रमी होती है तथा उसमें अच्छे नागरिक के सभी गुण होते हैं, अर्थात् मनुष्यों को भी चींटी जैसे लघु जीव से प्रेरणा लेते हुए परिश्रमी एवं अच्छा नागरिक बनने का प्रयत्न करना चाहिए तथा समाज में मिल-जुलकर नियत व कर्तव्यों का पालन करते हुए रहना चाहिए।
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