दोपहर का भोजन कहानी का उद्देश्य
उद्देश्य - ‘दोपहर का भोजन’ कहानी के माध्यम से लेखक ने निम्न मध्यवर्गीय परिवार की आर्थिक-विपन्नता एवं उसके कारण दयनीय हालत को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करना चाहा है, जिसमें उसे पर्याप्त सफलता भी मिली है। कहानी के माध्यम से अमरकांत यह भी कहना चाहते हैं कि घर के मुखिया के बेकार होने पर घर की आर्थिक स्थिति और भी बुरी हो जाती है। यहाँ तक परिवार के सदस्यों का भरण-पोषण भी दूभर हो जाता है। बच्चों का स्वभाव जरा-जरा सी बात पर नाराज होने का हो जाता है। इसके अलावा कहानी के माध्यम से लेखक ने नारी के त्याग, सहनशीलता एवं वत्सलतापूर्ण हृदय का भी चित्रण किया है। कहने का मतलब है कि उद्देश्य की दृष्टि से भी ‘दोपहर का भोजन’ कहानी सफल है।
निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि कहानी के निकष के आधार पर अमरकांत की कहानी दोपहर का भोजन एक सफल कहानी है।