तीन मूर्तियाँ तेनालीराम की कहानियां। Tenali Raman Stories in Hindi : विजयनगर राज्य में काफी चहल-पहल थी। दूसरे देश से एक विद्वान सोने की तीन मूर्तियां जो लेकर आया था। सभी मूर्तियां एक जैसी थीं। उनमें जरा भी फर्क नहीं दिखाई देता था। विद्वान ने राजमहल में चुनौती दी, “इन तीनों मूर्तियों में कुछ फर्क है। जो व्यक्ति इस फर्क को पहचानेगा, मैं उसे दस हजार सोने के सिक्के दूंगा। यदि दस दिन में कोई प्रश्न हल नहीं कर पाया तो मुझे दस हजार सोने के सिक्के देने पड़ेंगे।”
तीन मूर्तियाँ तेनालीराम की कहानियां। Tenali Raman Stories in Hindi
विजयनगर राज्य में काफी चहल-पहल थी। दूसरे देश से एक विद्वान सोने की तीन मूर्तियां जो लेकर आया था। सभी मूर्तियां एक जैसी थीं। उनमें जरा भी फर्क नहीं दिखाई देता था। विद्वान ने राजमहल में चुनौती दी, “इन तीनों मूर्तियों में कुछ फर्क है। जो व्यक्ति इस फर्क को पहचानेगा, मैं उसे दस हजार सोने के सिक्के दूंगा। यदि दस दिन में कोई प्रश्न हल नहीं कर पाया तो मुझे दस हजार सोने के सिक्के देने पड़ेंगे।”
मूर्तियों की प्रदर्शनी की गई। नौ दिन बीत गए। मगर किसी को भी मूर्तियों में कोई अंतर दिखाई नहीं दिया। राजा को चिंता होने लगी कि विद्वान को सोने के दस हजार सिक्के देने के साथ हार भी माननी पड़ेगी।” तेनालीराम ने कहा, “महाराज। चिंता ना कीजिए। अभी पूरा एक दिन बाकी है। किसी तरह तीनों में अंतर पता लगा लेंगे।”
दसवां दिन आया। राजमहल में सभी चिंतित थे। तेनालीराम ने मूर्तियों को कई बार घूरकर देखा। उसने एक पतली डंडी को एक मूर्ति के कान में डाला। डंडी दूसरे कान से बाहर निकल आई। उसने डंडी को दूसरी मूर्ति के कान में डाला, अब डंडी मूर्ति के मुंह से बाहर निकली। जब उसने डंडी को तीसरी मूर्ति में के कान में डाला, तो वह अंदर ही रह गई। सभी दंग रह गए।
तेनालीराम ने विस्तार से बताया, “तीनों मूर्तियों में यह फर्क है। एक मूर्ति मूर्ख जैसी है। वह जो भी सुनती है, उसे दूसरे कान से बाहर निकाल देती है। दूसरी मूर्ति सामान्य व्यक्ति के जैसी है। जो भी सुनती है, बिना सोचे समझे दूसरों को बता देती है। तीसरी मूर्ति महान व्यक्ति जैसी है। जो कुछ भी सुनती है, उस पर पहले गहराई से सोच विचार करती है। सभी मौजूद व्यक्तियों ने तेनालीराम की प्रशंसा की।
विद्वान ने तेनालीराम को तीन मूर्तियां और दस हजार सोने के सिक्के इनाम में दिए। तेनालीराम ने मूर्तियां राजा को दे दी और सिक्के अपने पास रख लिए।
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