चालाक मेमना हिंदी लोककथा। Lok katha in Hindi : मेमने ने बाहर झांककर देखा। सब कुछ कितना सुंदर है। वह धीरे-धीरे गुफा से बाहर आया। उसके मां-बाप चारा ढूँढने गए थे। वे उससे कहकर गए थे कि जंगल में बाघ, शेर, भेड़िए सभी घूमते रहते हैं। तुम्हें अकेले कहीं नहीं जाना। परंतु मेमने से रहा नहीं गया। घूमते-घूमते वह बहुत दूर चला गया। जैसे ही अंधेरा होने लगा, उसे घर की याद आई। पर उसे वापस जाने का रास्ता तो पता ही नहीं था। पास में ही एक गुफा थी। वह उसके अंदर घुस गया। उस गुफा में एक सियार रहता था। मगर सियार उस समय बाहर गया हुआ था।
चालाक मेमना हिंदी लोककथा। Lok katha in Hindi
मेमने ने बाहर झांककर देखा। सब कुछ कितना सुंदर है। वह धीरे-धीरे गुफा से बाहर आया। उसके मां-बाप चारा ढूँढने गए थे। वे उससे कहकर गए थे कि जंगल में बाघ, शेर, भेड़िए सभी घूमते रहते हैं। तुम्हें अकेले कहीं नहीं जाना। परंतु मेमने से रहा नहीं गया। घूमते-घूमते वह बहुत दूर चला गया। जैसे ही अंधेरा होने लगा, उसे घर की याद आई। पर उसे वापस जाने का रास्ता तो पता ही नहीं था। पास में ही एक गुफा थी। वह उसके अंदर घुस गया। उस गुफा में एक सियार रहता था। मगर सियार उस समय बाहर गया हुआ था।
अपने मां-बाप के लौटने तक मेमने ने वहीं पर इंतजार करने की सोची। सुबह हुई। सियार अपनी गुफा में वापस आया। गुफा तक पहुंचते ही सियार को एहसास हो गया कि गुफा में कोई नया जानवर बैठा है। वह गुफा के द्वार पर ही रुक गया। “अंदर कौन है ? जल्दी बाहर निकलो,” सियार ने धमकाते हुए कहा।
मेमना चालाक था। अपनी आवाज बदलकर वह बोला, “हा हा हा ! मैं शेर का बड़ा बाप हूं। मैं एक दिन में पचास बाघ खाता हूं। जल्दी से जाओ और मेरे लिए बाघ पकड़ कर ले आओ।” बस सियार तो घबरा गया। वह सरपट वहां से भाग निकला। वह बाघों के मुखिया के पास गया और कहा, “बाघ चाचा मुझे बचा लो, एक भयानक जानवर मेरे घर के अंदर घुस आया है। वह खाने के लिए पचास बाघ मांग रहा है।”
“हा हा हा ! बाघ हंस पड़ा। ऐसा कौन सा जानवर है जो पचास बाघ खा सकता है ? जरा मुझे भी तो दिखाओ। मैं उसे भगा दूंगा।” इस बीच मेमने के मां-बाप भी उसे ढूंढते हुए वहां पहुंच गए। मेमने के पांव के निशान के सहारे उन्होंने उसका पता लगा लिया। मेमने ने अपने मां-बाप को सब कुछ बता दिया। तभी उन्होंने दूर से सियार और बाघ को आते हुए देखा। तीनों की गुफा के अंदर छुप गए और एक योजना बनाई।
जैसे ही सियार और बाघ गुफा के पास आए, मेमने की मां ने मेमने का कान खींचा। आई आई आई ! बच्चा जोर से चीखा। बकरे ने अपनी आवाज बदलकर पूछा, “बच्चा क्यों चिल्ला रहा है ?” मेमने की मां कहने लगी, “बच्चा जिद कर रहा है कि जब से इधर आए हैं, भालू और भैंस को खा रहे हैं, आज उसे खाने के लिए बाघ चाहिए।”
बकरे ने कहा, “ठीक है, मैंने बाघ को लाने के लिए सियार को भेजा है। वह बाघ के साथ अभी आता ही होगा।” यह बात सुनकर सियार और बाघ डर के मारे कांपने लगे। बाप रे ! भीतर रहने वाला बच्चा तो भैंस और भालू आदि को निगल जाता है। मैं उसके हाथ लगा तो वह मेरा क्या हाल करेगा ? सियार और बाघ एक क्षण और रूके बिना वहां से निकल भागे।
nice story
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