दहेज प्रथा पर 300 शब्द का निबंध। Essay on Dowry System in Hindi
दहेज प्रथा से अभिप्राय उस धन सामग्री और संपत्ति आदि से होता है जो कि विवाह में कन्या पक्ष की ओर से वर पक्ष को दी जाती है। इसके अतिरिक्त यह धनराशि विवाह से पूर्व भी तय करके कन्या पक्ष वाले वर पक्ष वालों को दे दिया करते हैं। प्राचीन काल में तो इस दहेज प्रथा का प्रचलन केवल ऊंचे कुलों में ही होता था परंतु वर्तमान युग में तो यह प्रायः प्रत्येक परिवार में ही प्रारंभ हो गई है।
इस दहेज प्रथा के कारण विवाह एक व्यापार प्रणाली बन गया है। यह हिंदू समाज का शत्रु तथा उस पर एक कलंक के समान है। इसमें ना जाने कितने घर बर्बाद कर दिए हैं। कितनों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है तथा कितनी ही कुमारियों को अल्प आयु में ही घुट-घुट कर मरने को विवश कर दिया है। इस प्रथा के कारण समाज में बाल विवाह, अनमेल विवाह तथा विवाह-विच्छेद जैसी अनेक कुरीतियों ने जन्म ले लिया है। इससे समाज की प्रगति रुक गई है। इसी दहेज प्रथा के कारण कितनी ही नारियां विवाह के उपरांत जलाकर मार दी जाती हैं। इसके कारण बहुत से परिवार तो लड़की के जन्म लेते ही दुखी हो जाते हैं।
यह हमारे समाज के लिए एक अभिशाप सा है। इससे छुटकारा पाने के लिए हमें भरसक प्रयत्न करने चाहिए। इसके लिए हम नवयुवकों को अंतर्जातीय विवाह के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं क्योंकि इससे वर ढूंढने का क्षेत्र विस्तृत हो जाता है। इसके अतिरिक्त सरकार को समाज सुधारको, कवियों, उपन्यासकारों, पत्रकारों तथा चलचित्र निर्माताओं आदि की सहायता से समाज में दहेज के विरुद्ध प्रचार करना चाहिए। स्त्री शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि वे इस प्रथा का डटकर सामना कर सकें। यह दहेज प्रथा हमारे समाज में अनेकों अबलाओं को नित्यप्रति काल के ग्रास में पहुंचा रही है। यह प्रथा दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण कर रही है। धीरे-धीरे सारा समाज इसकी चपेट में आता जा रहा है। अतः हम सब को मिलकर इस प्रथा की जड़ को ही समाप्त कर देना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकता है।
Good essay
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