मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध : हर किसी की एक महत्वकांक्षा होती है। जीवन बिना महत्वकांक्षा के अधूरा है। यह जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाती है व जीने की राह दिखाती है। बिना उद्देश्य के जीवन व्यर्थ है। परन्तु लक्ष्य हमेशा ऐसा होना चाहिए जिसे हासिल भी किया जा सके। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूँ, गणित विषय में मेरी विशेष रूचि है। मेरे पिताजी भी गणित के अध्यापक है। अतः मैं बड़ा होकर एक विद्यालय खोलना चाहता हूँ।
मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध। Essay on My Aim in life in hindi
हर किसी की एक महत्वकांक्षा होती है। जीवन बिना महत्वकांक्षा के अधूरा है। यह जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाती है व जीने की राह दिखाती है। बिना उद्देश्य के जीवन व्यर्थ है। पहले उद्देश्य बनाओ फिर उस पर चलो। बहुत से लोग व्यापारी, बैंकर, कारखानों के मालिक बनना चाहते है। कई लोग डॉक्टर, इंजीनियर, राजनीतिज्ञ, समाज-सुधारक, शिक्षक या सरकारी अफसर बनने की इच्छा रखते हैं तो कई और लोग पुलिस अधिकारी, पॉयलट, वैज्ञानिक या लेखक बनना चाहते हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहता है व बनना चाहता है।
परन्तु लक्ष्य हमेशा ऐसा होना चाहिए जिसे हासिल भी किया जा सके। क्योंकि जब सपने पूरे नहीं होते तो दुःख, निराशा व असफलता ही मिलती है। हवाई किले बनाने से समय की बर्बादी ही होती है। इसलिए हर व्यक्ति को ईमानदारी से अपनी क्षमताओं का आकलन करना चाहिए। अपनी खूबियों व कमियों को पहचानना चाहिए जिससे लक्ष्य का चयन करने में आसानी हो।
मैं अपनी खूबियों व कमजोरियों को भली-भाँति पहचानता हूँ। मै एक फिल्म स्टार बनने का सपना नहीं देखता हूँ और न ही मैं फुटबॉलर या क्रिकेटर बनना चाहता हूँ। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूँ, गणित विषय में मेरी विशेष रूचि है। मेरे पिताजी भी गणित के अध्यापक है। अतः मैं बड़ा होकर एक विद्यालय खोलना चाहता हूँ।
अध्यापन का गुण मेरे रक्त में है। मेरे पिता जी से मुझे यह गुण विरासत में मिला है। इसलिए मैं अपने विद्यालय में गणित का अध्यापन स्वयं करना चाहता हूँ। दूसरा प्रमुख कारण यह है की मेरा यह मानना है की शिक्षा सभी को मिलनी चाहिए जिससे सभी एक अच्छे नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में मदद कर सकें। मैं अपने विद्यालय में न्यूनतम शुल्क रखना चाहता हूँ जिससे सभी को अच्छी शिक्षा मिल सके। मेरे पिता जी भी मेरी इस महत्वकांक्षा में मेरा सहयोग देना चाहते हैं। वह अक्सर मुझे बताते है की एक अच्छा विद्यालय कैसा होना चाहिए। यह मेरी एकमात्र इच्छा है की मैं एक विद्यालय खोलूं और मैं अपनी इस आकाँक्षा को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर हूँ।
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