Hindi Essay on "Autobiography of A Chocolate", "चॉकलेट की आत्मकथा पर निबंध", "Chocolate ki Atmakatha" for Students मैं एक चॉकलेट हूँ। आज मैं आपको अपनी
Hindi Essay on "Autobiography of A Chocolate", "चॉकलेट की आत्मकथा पर निबंध", "Chocolate ki Atmakatha" for Students
चॉकलेट की आत्मकथा पर निबंध Autobiography of A Chocolate in Hindi
चॉकलेट की आत्मकथा : मैं एक चॉकलेट हूँ। आज मैं आपको अपनी यानि चॉकलेट की आत्मकथा सुनाऊँगी। मुझे कोको के बीजों से बनाया जाता है। दुनिया भर में सभी मेरे स्वाद के दीवाने हैं। मेरा जन्म एक फैक्ट्री में हुआ था। मुझे सबसे पहले जोसफ फ्राई ने 1847 ने बनाया। मुझे बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। मुझे बनाने के लिए कोको के बीजों को पहले भूना जाता है फिर उन्हें छीलकर पाउडर बना लिया जाता है। जब पाउडर में चीनी और बटर मिलाकर जमाया जाता है तो मेरा यानी चॉकलेट का जन्म होता है।
फैक्ट्री में मेरे साथ मेरे हजारों भाई-बहन होते हैं। फिर वहां से हमें पैकिंग डिपार्टमेंट में भेजा जाता है जहाँ हमें रैपर पहनाया जाता है। फिर वहां से हमें दुकानों में बिकने के लिए भेज दिया जाता है। जहाँ दूकानदार हमें ग्राहकों को बेच देता है। चूंकि मैं एक डार्क चॉकलेट हूँ इसलिए मेरी कीमत अधिक है। मेरी एक दोस्त भी है मिल्क चॉकलेट पर उसकी कीमत कम होती है।
आज दूकान पर एक बच्चा मुझे खरीदने आया। मुझे लगा शायद वह बच्चा मुझे खा लेगा लेकिन उसने मुझे कई दिनों तक अपने फ्रिज में ठंडे में रखा ताकि मैं खराब ना हो जाऊं। और एक दिन ऐसा आया जब उसने मुझे खाने की सोची लेकिन न जाने क्यों उसने मुझे खुला छोड़ दिया और खाया नहीं। क्योंकि मैं फ्रिज से बाहर निकल गई थी इसलिए मैं पिघलने लगी। जब मेरी किसी ने कोई कदर ना की तो मुझ पर चीटियां लग गई और मुझे टुकड़ों टुकड़ों में खाने लगी।
यह सब देख मुझे बहुत दुःख हुआ कि जो बच्चा मुझे इतने प्यार से खरीद कर लाया था उसने ना तो मुझे खाया और न ही किसी और को खाने दिया। शायद इसीलिए मुझे चीटियां खा रही थी। मुझे बड़ी खुशी होती यदि वह बच्चा मुझे खाता लेकिन ऐसा ना हुआ इसलिए अब मैं तड़प तड़प कर अपनी जान गवा रही हूँ।
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