राष्ट्रीय एकता पर अनुच्छेद लेखन
संकेत बिंदु :- एकता में बल,
- राष्ट्र के लिए एकता आवश्यक,
- एकता में बाधक तत्त्व,
- एकता तोड़ने के दोषी,
- एकता के तत्त्व,
- एकता दृढ़ करने के उपाय।
एकता में शक्ति है- से सम्बंधित बचपन में कई कहानियां सुनी व पढ़ी हैं। किसी भी राष्ट्र के विकास में एकता का होना अत्यंत आवश्यक है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में तो राष्ट्रीय एकता सीमेंट का काम कर सकती है। भारत में भाषा, धर्म, प्रान्त, रंग, खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार में इतनी विविधता है की इसमें राष्ट्रीय एकता का होना एक दुर्लभ काम है। कहीं हिंदी -अहिन्दी भाषा का भांगड़ा है। कहीं उत्तर-दक्षिण का भेद है तो कहीं मंदिर-मस्जिद का विवाद है। राज नेता अपने वोट बैंक बनाने के लिए किसी भी जाती की नाम पर, किसी भी धर्म, किसी भी भाषा, तो किसी को सवर्ण-आवरण के नाम पर तोड़ते हैं। यह शोचनीय स्थिति है। भारत के लिए सुखद बात ये है की यहां एकता बनाये रखने वाले तत्वों की कमी नहीं है। संविधान और जन्मभूमि के नाम पर समूचा भारत एक है। राष्ट्रीय एकता को दृढ़ रखने के लिए सारे देश में एक ही क़ानून है ,अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहन दिया जाता है। सरकारी नौकरियों में अधिक से अधिक दुसरे प्रांतों में स्थानांतरण देते हैं जिससे सारा देश एकता में रह सके।
Spelling mistake bro.
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