नैतिकता का गिरता स्तर पर अनुच्छेद लेखन
संकेत बिंदु
- नैतिकता का अर्थ
- नैतिकता ह्वास के कारण
- धन का महत्त्व
- धर्म का प्रभाव कम
आज के समय में नैतिकता की बातें करने वाला मूर्ख और बातें दकियानूसी कही जाती हैं। नैतिकता का अर्थ है - नीति के अनुसार व्यवहार। आपसी प्रेम, भाईचारा, करुणा, दया और सबका मंगल चाहना- ये कुछ नैतिकता के उदहारण हैं। आज ईमानदारी को मूर्खता, करुणा को कमजोरी, सर्वमंगल को फ़ालतू बात और भाईचारे को ढोंग माना जाता है। इसका कारण है की आज मानव का ध्येय है उन्नति, प्रगति और आगे बढ़ना जिसका एकमात्र मापदंड है - पैसा। धन-संपत्ति को केंद्र में रखने वाला व्यक्ति न प्रेम को महत्त्व देता है और ना ही भाईचारे को। उसके लिए करुणा, ईमानदारी का कोई मोल नहीं है। आज धन कमाने में लोग इतने व्यस्त हैं की अपने बच्चों को संस्कार देने का उनके पास वक़्त नहीं है। वे सफलता के लिए नक़ल, चोरी सब सहन कर रहे हैं। धर्म का प्रभाव काम होने से ईश्वर का भी भय नहीं रहा। नैतिकता के गिरने के कारण मानव का जीवन नरक से भी बदतर होता जा रहा है। सब स्वयं को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। योग्यता के बावजूद उचित परिणाम की आशा किसी को नहीं रही। रिश्वत, तांडव, भ्रष्टाचार का तांडव खुलेआम समाज में हो रहा है। भ्रष्ट मौज कर रहे हैं, सदाचारी धक्के खा रहे हैं। नैतिकता को ऊँचा उठाने का उपाय है - आत्मचिंतन, स्वयं जागना और स्वयं को अपना दीपक बनाना।
I want letter in hindi .... ghatti netikta badty atyachar
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