वृक्षारोपण का महत्व पर अनुच्छेद
वृक्षों के बिना धरती कैसी होगी, यह हम किसी मरुस्थलीय प्रदेश के दर्शन करके सहज ही समझ सकते हैं। वृक्ष हमारे लिए अनेक प्रकार से लाभदायक हैं। गर्मी की तपती दोपहर में वृक्षों की शीतल छाया का सुख तो वृक्षों से ही प्राप्त हो सकता है। छाया के अलावा वृक्षों से फल-फूल, जड़ी-बूटी, इमारती लकड़ी एवं ईंधन आदि अनेक आवश्यक सामग्रियाँ हमें प्राप्त होती हैं। वृक्षों से वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद मिलती है। वनों से मानसून का चक्र भी संयमित होता है तथा मृदा के क्षरण पर भी रोक लगती है और जल संरक्षण भी संभव होता है। बेल और पीपल जैसे वृक्षों को पवित्र माना जाता है। लोग पवित्र वृक्षों की पूजा करते हैं। बाढ़ की विभीषिका को रोकने तथा मिट्टी को उर्वर बनाये रखने में वृक्षों का अमूल्य योगदान है। वृक्षों के इस व्यापक महत्त्व को देखते हुए हर वर्ष वन महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर स्कूलों तथा कॉलेजों में वृक्षारोपण का कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हमें भी अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और प्राकृतिक सौंदर्य तथा स्वास्थ्य का उपहार इन वृक्षों से प्राप्त करना चाहिए।
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