समय का सदुपयोग पर निबंध: समय की प्रकृति ही उसकी सबसे रहस्यमयी विशेषता है। वह न दृश्य है, न स्पर्शनीय, परंतु उसका असर हर जीवन पर स्पष्ट है। समय वह मौन
समय का सदुपयोग पर निबंध (Samay ka Sadupyog Essay in Hindi)
समय का सदुपयोग पर निबंध: समय की प्रकृति ही उसकी सबसे रहस्यमयी विशेषता है। वह न दृश्य है, न स्पर्शनीय, परंतु उसका असर जीवन के हर पहलू पर स्पष्ट है। समय वह मौन नायक है, जो हर परिवर्तन का गवाह है। जीवन की प्रत्येक कहानी समय की गोद में पलती है। यह वह अदृश्य धारा है जो जीवन की नौका को बहाए लिए जाती है। हम चाहें या न चाहें, परन्तु समय निरंतर चलता ही रहता है। इसलिए, समय का सदुपयोग केवल एक व्यवहारिक आवश्यकता नहीं, बल्कि जीवन जीने की श्रेष्ठ कला है।
जीवन में समय ही वह तत्व है, जो हमारी नियति को आकार देता है। एक ही दिन किसी के लिए सफलता का शंखनाद होता है, तो किसी और के लिए हार की घड़ी। फर्क केवल इस बात का होता है कि किसने समय का उपयोग किया और किसने उसे व्यर्थ गंवा दिया। जो लोग समय की कीमत को समझते हैं, वे इतिहास में अमर हो जाते हैं। महापुरुषों का जीवन इस बात का जीता-जागता प्रमाण है कि समय का समुचित उपयोग एक सामान्य मनुष्य को भी असाधारण बना सकता है।
महात्मा गांधी ने अपने जीवन में एक-एक क्षण का उपयोग जनसेवा, आत्ममंथन और आत्मशुद्धि के लिए किया। वे कहा करते थे, “आपका भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप आज क्या कर रहे हैं।” इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद समय की कीमत को पहचानते हुए कहते हैं — “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।” यह वाक्य आज भी हर उस छात्र, हर उस सपने देखने वाले के लिए मशाल है जो अपनी मंज़िल को लेकर संदेह में है।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, जिनका नाम ही प्रेरणा है, उन्होंने भी जीवन के हर क्षण को सीखने, रचने और देश सेवा में लगाया। वे कहा करते थे — “अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो सूरज की तरह जलना होगा।” और सूरज की तरह जलना तभी संभव है जब हम अपने समय का ईमानदारी से उपयोग करें।
इन सभी महापुरुषों का जीवन इस सत्य की पुष्टि करता है कि समय स्वयं कुछ नहीं करता, परंतु जो उसका उपयोग करता है, वह असंभव को भी संभव बना देता है। आज के युग में समय का सबसे बड़ा शत्रु है — अनियंत्रित डिजिटल जीवन। मोबाइल, सोशल मीडिया, फ़ालतू बातचीतें, और आलस्य — ये सब उस अदृश्य चोर की तरह हैं, जो हमारी संभावनाओं को चुपचाप चुरा ले जाते हैं। जब तक हम सचेत होते हैं, तब तक समय हमारी मुट्ठी से रेत की तरह फिसल चुका होता है।
समय के सदुपयोग के लिए योजनाबद्ध जीवन आवश्यक है। प्रत्येक दिन की एक रूपरेखा होनी चाहिए। हमें यह सीखना होगा कि कौन-सा काम ज़रूरी है और कौन-सा केवल समय की बर्बादी है। विद्यार्थी के लिए समय वह बीज है, जिससे भविष्य का वटवृक्ष उगता है। एक व्यापारी के लिए समय वह सौदा है, जिसमें चूक भविष्य की क्षति बन जाती है। एक लेखक के लिए समय वह विचार है, जो उड़ जाए तो काव्य कभी जन्म नहीं लेता।
इसलिए समय का सम्मान करना, वास्तव में अपने जीवन का सम्मान करना है। यह वह धन है जो बिना खर्च किए भी समाप्त होता रहता है। पर जो उसकी चाल के साथ चलना सीख लेता है, वह जीवन में कुछ कर दिखाता है। तो आइए, हम सब संकल्प लें कि अब से समय की हर बूँद को प्रेम, श्रम और साधना से सींचेंगे। यही जीवन का सार है और सफलता की असली कुंजी।
COMMENTS