मेरा प्रिय पर्यटन स्थल पर निबंध: घूमना-फिरना न केवल हमारे मन को प्रसन्न करता है, बल्कि हमें नई जगहों, संस्कृतियों और लोगों को जानने का अवसर भी देता है
मेरा प्रिय पर्यटन स्थल पर निबंध (Mera Priya Paryatan Sthal Essay in Hindi)
मेरा प्रिय पर्यटन स्थल पर निबंध: घूमना-फिरना न केवल हमारे मन को प्रसन्न करता है, बल्कि हमें नई जगहों, संस्कृतियों और लोगों को जानने का अवसर भी देता है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में अनगिनत सुंदर पर्यटन स्थल हैं, लेकिन इन सबमें से मेरा प्रिय पर्यटन स्थल है – नैनीताल।
नैनीताल उत्तराखंड राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध पहाड़ी स्थल है। यह समुद्र तल से लगभग 2,000 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है और चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह जगह अपने शांत वातावरण, मनोहारी झीलों और ठंडी जलवायु के लिए जानी जाती है। जब मैं पहली बार अपने परिवार के साथ नैनीताल गया, तो मुझे ऐसा लगा मानो मैं किसी और ही दुनिया में आ गया हूँ।
जैसे ही हमारी कार नैनीताल की ओर बढ़ी, वैसे-वैसे ठंडी हवा और पहाड़ों की हरियाली ने हमारा स्वागत किया। रास्ते में ऊँचे-ऊँचे पेड़ों की कतारें, झरने और घुमावदार सड़कें थीं, जो मानो हमें प्रकृति की गोद में ले जा रही थीं। पर असली आनंद तो तब आया, जब हम नैनी झील के किनारे पहुँचे।
नैनी झील का नीला पानी और उसके बीच में तैरती नौकाएँ – वह दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने ताज़ा है। हमने नाव की सवारी की, और चारों ओर के पहाड़ों का प्रतिबिंब झील के पानी में देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो धरती और आकाश झील में एक साथ समा गए हों।
नैनीताल में हमने और भी कई स्थानों की सैर की – जैसे नैना देवी मंदिर, स्नो व्यू पॉइंट, टिफिन टॉप और चिड़ियाघर। स्नो व्यू पॉइंट से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियाँ साफ़ दिखाई देती हैं, और वहाँ खड़े होकर मुझे लगा कि जैसे मैं बादलों के ऊपर खड़ा हूँ। टिफिन टॉप से पूरे नैनीताल का विहंगम दृश्य दिखता है, जिसे देखकर मन नतमस्तक हो जाता है ।
नैनीताल का मौसम हर समय सुहावना रहता है। ठंडी हवा, बादलों की ओट में छुपता सूरज, और हल्की-हल्की बारिश – यह सब मिलकर वहाँ का वातावरण बेहद मनमोहक बना देते हैं। वहाँ का बाजार भी देखने लायक है – लकड़ी के खिलौने, ऊनी कपड़े और स्थानीय हस्तशिल्प की दुकानों से वह जगह जीवंत हो उठती है।
नैनीताल की सबसे बड़ी विशेषता है – वहाँ की शांति और सादगी। शहर की भीड़, शोर, और तनाव से दूर यह जगह जैसे आत्मा को विश्राम देती है। इसलिए जब मैं थक जाता हूँ, या मन में कोई चिंता होती है, तो मैं आँखें बंद करके नैनीताल की उस शांत सुबह को याद करता हूँ, जब झील के किनारे बैठकर केवल पक्षियों की आवाज़ सुनाई देती थी। वह दृश्य, वह ठंडी हवा, वह सुकून – यह सब मेरे मन को फिर से तरोताज़ा कर देता है।
निष्कर्षतः नैनीताल केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक अनुभव है – एक ऐसी जगह जो मन को छू जाती है, आत्मा को शांति देती है और यादों में बस जाती है। यही कारण है कि मेरे लिए नैनीताल मेरा प्रिय पर्यटन स्थल है। मुझे विश्वास है कि मैं जीवन में कई स्थानों पर घूमने जाऊँगा, पर नैनीताल के सौंदर्य को मैं कभी नहीं भूल सकूँगा।
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