यदि मैं कवि होता तो ऐसी कवितायेँ लिखता जो पढ़ने में तो आसान हों, पर सोच गहरी हों. शायद मैं ऐसी कवितायेँ लिखता जिन्हें पढ़कर अपना बचपन याद आ जाता. मुझे
यदि मैं कवि होता हिंदी निबंध - Yadi Main Kavi Hota Essay in Hindi
यदि मैं कवि होता तो ऐसी कवितायेँ लिखता जो पढ़ने में तो आसान हों, पर सोच गहरी हों. शायद मैं ऐसी कवितायेँ लिखता जिन्हें पढ़कर अपना बचपन याद आ जाता. मुझे लगता है कि हर किसी के भीतर एक कवि छुपा होता है. बस उसे बाहर निकालने की जरूरत होती है. अगर मैं कवि बन जाता, तो मैं अन्य लोगों को भी कविता लिखने के लिए प्रेरित करता.
कविता लिखने के लिए भाषा पर अच्छा अधिकार होना बहुत ज़रूरी है. तो कवि बनने के लिए मैं अपनी शब्दावली को और समृद्ध बनाता. कठिन शब्दों का प्रयोग करने से नहीं घबराता, बल्कि उन्हें इस तरह से इस्तेमाल करता कि वे कविता में रम जाएं और उसमें चार चांद लगा दें.
कविता सिर्फ किताबों में नहीं होती, वो जिंदगी के हर पल में होती है. अगर मैं कवि होता, तो मैं हर चीज में कविता ढूंढता. स्कूल जाते समय सड़क पर चलते हुए, टीवी देखते हुए, या यहां तक कि दोस्तों के साथ खेलते हुए भी.
यदि मैं कवि होता, तो मेरी कविता प्रकृति का दर्पण होती। हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर, निर्मल झरनों के कलरव तक, हर प्राकृतिक छवि मेरे शब्दों में उतरती। वन-उपवन की हरियाली, पक्षियों का मधुर गीत, सब मेरे काव्य में समा जाते। कभी मैं पतझड़ के पत्तों के बारे में लिखता तो कभी बारिश के पानी की रिमझिम को शब्दों में पिरोता. या फिर त्योहारों की खुशी, रंगों की रौनक, और मिठाइयों की मिठास को अपनी कविता में भर देता
परंतु मेरी कविता सिर्फ प्रकृति के वर्णन तक सीमित न होती. मैं समाज का दर्पण भी बनता. मैं कविता के माध्यम से सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करता, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता. मैं चाहता हूँ कि मेरी कविताएं ऐसी हों कि सुनने वाला सोचने पर मजबूर हो जाए, अच्छे बुरे की पहचान करे और मिलकर एक बेहतर कल की नींव रखे. शायद मैं एक "क्रांतिकारी कवि" होता, अपनी कलम से क्रांति का बिगुल बजाता.
मेरे लिए कविता सिर्फ कुछ शब्दों का खेल से बढ़कर समाज को बदलने का एक जादुई हथियार है. इसलिए अगर मैं वाकई कवि बनूं, तो हथियार का इस्तेमाल दुनिया को बदलने के लिए करूंगा!
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