मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय प्रसंग निबंध: बचपन की यादें जीवन के सबसे खूबसूरत पन्नों में से एक होती हैं। इनमें से कुछ यादें तो इतनी गहरी होती हैं कि वे
मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय प्रसंग निबंध
बचपन की यादें जीवन के सबसे खूबसूरत पन्नों में से एक होती हैं। इनमें से कुछ यादें तो इतनी गहरी होती हैं कि वे जीवन भर हमारे साथ रहती हैं। मेरे जीवन का भी एक ऐसा ही अविस्मरणीय प्रसंग है जो आज भी मेरे मन में ताज़ा है।
यह घटना उस समय की है जब मैं अपने दादा-दादी के साथ गाँव में गया था। गाँव का जीवन शहर से बिलकुल अलग था। वहाँ की हर चीज मुझे नई और रोचक लग रही थी।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ गाँव घूमने निकला। घूमते-घूमते हमारी नज़र पड़ोसी के आम के बाग़ पर पड़ी। बाग़ में आमों से लदे पेड़ देखकर हमारे मुंह में पानी आ गया।
हम जानते थे कि बिना अनुमति के आम तोड़ना गलत है, लेकिन आम खाने का लालच ज़्यादा था। डरते-डरते हमने बाग़ में घुसने का फैसला किया।
मेरा एक दोस्त पेड़ पर चढ़कर आम तोड़ने लगा और हम बाकी लोग नीचे खड़े होकर आम इकठ्ठा करने लगे। हम मस्ती में इतने खो गए कि हमें अपने आसपास का ध्यान ही नहीं रहा।
तभी अचानक हमें पड़ोसी के आने की आहट हुई। डर के मारे हम सब आम वहीं छोड़कर भाग निकले। हमारी मेहनत भी बेकार गई और आम भी खाने को नहीं मिले।
शाम को जब हम घर पहुंचे तो हमें पता चला कि हमारे पड़ोसी हमारे दादाजी से हमारी ही बात कर रहे थे। हमें देखते ही पड़ोसी हँसने लगे और बोले, "बेटा, तुम सब इतने डरपोक क्यों हो? अगर आम चाहिए थे तो मुझसे पूछकर ले जाते। पेड़ पर चढ़ने की क्या ज़रुरत थी? अगर गिर जाते तो क्या होता? अगली बार जब आम खाने का मन करे, तो सीधे आकर मुझसे मांग लेना। पेड़ पर चढ़ने के झमेले से भी बचोगे, और मीठे आम भी मिलेंगे!"
उनकी बातों में सच्चाई थी। उनके स्नेह भरे शब्द सुनकर हमें बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। साथ ही हमें गाँव के लोगों की मिलनसारिता और भोलेपन का भी एहसास हुआ।
यह घटना मेरे जीवन की एक अविस्मरणीय घटना बन गयी। इस घटना ने मुझे सिखाया कि हमें हमेशा ईमानदारी और सादगी से काम करना चाहिए। किसी भी चीज को हासिल करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
यह घटना मुझे आज भी याद दिलाती है कि गाँव के लोग कितने प्यारे और दिलदार होते हैं। वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।
Mere Jeevan ki Avismarniya Ghatna par Nibandh
जीवन में अनेक घटनाएं घटित होती हैं, कुछ खुशियां लाती हैं तो कुछ गम। इनमें से कुछ घटनाएं इतनी गहरी छाप छोड़ जाती हैं कि वे जीवनभर यादगार बन जाती हैं। मेरे जीवन में भी ऐसी ही एक अविस्मरणीय घटना है, जो आज भी मेरे मन में ताज़ा है।
यह घटना मेरे बचपन की है जब मैं छठी कक्षा में पढ़ता था। उस समय, मेरे स्कूल में वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था। मैं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उत्सुक था। मैंने 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया।
प्रतियोगिता का दिन आ गया। उस दिन मैं बहुत उत्साहित था। दौड़ शुरू होने से पहले, मैंने खूब अभ्यास किया। जब मेरी बारी आई, तो मैंने पूरी शक्ति से दौड़ लगाई। मैं शुरुआत में ही आगे निकल गया था और जीत की ओर बढ़ रहा था।
लेकिन, जैसे ही मैं फिनिश लाइन के करीब पहुंचा, मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर पड़ा। मेरे घुटने से खून बहने लगा और मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं रोने लगा और सोचा कि अब मैं कभी नहीं जीत पाऊंगा।
मेरे शिक्षक और दोस्त मेरे पास दौड़े और मुझे उठाने में मदद की। उन्होंने मुझे प्राथमिक चिकित्सा दी और मेरा हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हार मत मानो, तुम फिर से उठकर दौड़ सकते हो।
उनके प्रोत्साहन से मुझे हिम्मत मिली। मैंने दर्द को सहन करते हुए फिर से उठने का फैसला किया। मैंने धीरे-धीरे दौड़ना शुरू किया और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाई।
अंत में, मैं फिनिश लाइन पर पहुंच गया। मैं भले ही पहले स्थान पर नहीं आ पाया, लेकिन मैंने हार नहीं मानी थी। इस घटना ने मुझे सिखाया कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।
यह घटना मेरे जीवन में हमेशा के लिए अविस्मरणीय रहेगी। इसने मुझे आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की शक्ति का एहसास कराया।
बच्चों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न:
- क्या आपके जीवन की भी कोई अविस्मरणीय घटना है जो आपको आज भी याद है?
- उस घटना से आपने क्या सीख हासिल की?
- आपको लगता है कि ईमानदारी क्यों महत्वपूर्ण है?
- क्या आपने कभी ऐसा काम किया है जिसके लिए आपको बाद में पछतावा हुआ हो?
- आप उन गलतियों से क्या सीख सकते हैं जो आपने अतीत में की हैं?
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