उपनिवेशवाद का अर्थ तथा उपनिवेशों की स्थापना के कारण बताइए - उपनिवेशवाद का अर्थ है किसी समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा अपने विभिन्न हितों को साधन
उपनिवेशवाद का अर्थ तथा उपनिवेशों की स्थापना के कारण बताइए।
उपनिवेशवाद का अर्थ (Meaning of Colonialism) - उपनिवेशवाद का अर्थ है किसी समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा अपने विभिन्न हितों को साधने के लिए किसी निर्बल किन्तु प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राष्ट्र के विभिन्न संसाधनों का शक्ति के बल पर उपभोग करना । उपनिवेशवाद में उपनिवेश की जनता एक विदेशी राष्ट्र द्वारा शासित होती है, उसे शासन में कोई राजनीतिक अधिकार नहीं होता। ऑर्गन्सकी के अनुसार, “वे सभी क्षेत्र उपनिवेशों के तहत आते हैं जो विदेशी सत्ता द्वारा शासित हैं एवं जिनके निवासियों को पूरे राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।" वस्तुत: हम किसी शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा निहित स्वार्थवश किसी निर्बल राष्ट्र के शोषण को हम उपनिवेशवाद कह सकते हैं।
उपनिवेशों की स्थापना के कारण (Causes of Establishment of Colonies)
(i) कच्चे माल की प्राप्ति - व्यापारिक समृद्धि के फलस्वरूप यूरोपीय देशों में कई उद्योगों की स्थापना हुई। यूरोप में इन उद्योगों लिए आवश्यक कच्चे माल (Raw Material) की कमी थी। अब यूरोपीय देशों ने कच्चे माल की प्राप्ति हेतु प्राकृतिक संसाधन से अफ्रीका एवं एशियायी देशों में उपनिवेशों की स्थापना की।
(ii) निर्मित माल की खपत - उद्योगों की स्थापना एवं कच्चे माल की उपलब्धता से औद्योगिक उत्पादन तीव्र गति से बढ़ा। चूँकि इस समय सभी यूरोपीय देश आर्थिक संरक्षण की नीति पर चल रहे थे। अतः इस निर्मित माल को खपाने के लिए भी उपनिवेशों की स्थापना की गयी।
(iii) ईसाई धर्म का प्रचार- ईसाई धर्म प्रारम्भ से ही मिशनरी धर्म रहा है। मिशनरी धर्म के तहत ईसाई धर्म प्रचारक धर्म प्रचार के साथ-साथ गैर-ईसाई लोगों को ईसाई बनाना अपना परम कर्तव्य समझते थे। उनके मतानुसार जब तक मनुष्य ईसाई चर्च का सदस्य बनकर प्रभु ईसा मसीह की शरण में नहीं जाता, तब तक वह मुक्ति प्राप्त नही कर सकता। अत: इन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक मनुष्य को ईसाई धर्म ग्रहण कर ईसा मसीह की शरण में जाना चाहिए। साथ ही पुण्य अर्जित कर की दृष्टि से अन्य लोगों को भी ईसाई धर्म में आने के लिए प्रेरित करना चाहिए । यही कारण था कि भौगोलिक खोजों के पश्चात् ईसाई धर्म प्रचारक भी नये-नये देशों में जाकर धर्म प्रचार हेतु उत्सुक हो उठे । अतः ईसाई धर्म प्रचारकों ने भी उपनिवेशों की स्थापना का समर्थन किया ताकि वे निर्बाध रूप से अपना धर्म प्रचार कार्य सम्पन्न कर सकें।
(iv) जनसंख्या में वृद्धि - यूरोप के विभिन्न देशों में औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप नगरों की जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई। कालान्तर में अतिशेष जनसंख्या को बसाने के लिए भी उपनिवेशों की स्थापना को बल मिला।
उपनिवेशों की स्थापना के परिणाम:
वैश्विक व्यापार में वृद्धि: उपनिवेशों की स्थापना ने वैश्विक व्यापार में वृद्धि की।
औद्योगिक क्रांति: उपनिवेशों से प्राप्त कच्चे माल ने औद्योगिक क्रांति को गति प्रदान की।
सांस्कृतिक प्रभाव: यूरोपीय संस्कृति का उपनिवेशों पर गहरा प्रभाव पड़ा।
राष्ट्रवाद का उदय: उपनिवेशों में राष्ट्रवाद का उदय हुआ, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्रता आंदोलन शुरू हुए।
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