ताइपिंग विद्रोह के कारण एवं परिणाम: चीन के इतिहास में ताइपिंग विद्रोह (1851-1864) एक महत्वपूर्ण घटना है। यह विद्रोह मंचू शासन के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह
ताइपिंग विद्रोह के कारण एवं परिणाम (Taiping Vidroh Ke Kaaran aur Parinam)
ताइपिंग विद्रोह: चीन के इतिहास में ताइपिंग विद्रोह (1851-1864) एक महत्वपूर्ण घटना है। यह विद्रोह मंचू शासन के खिलाफ एक बड़ा विद्रोह था, जिसने चीन की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को हिलाकर रख दिया।
ताइपिंग विद्रोह के कारण
मंचू शासन की अयोग्यता: मंचू शासक अपनी अयोग्यता और दुर्बलता के कारण न तो विदेशियों को शोषण करने से रोक पा रहे थे और न ही देश की आन्तरिक आर्थिक व्यवस्थाओं को सुधार पा रहे थे।
कृषकों की दयनीय स्थिति: युद्ध तथा क्षतिपूर्ति के प्रश्नों ने चीन का खजाना खाली कर दिया था और इसकी पूर्ति के लिये जब कृषकों पर कर लगाये, तब स्थिति और खराब हुई। कृषक अपनी जमीन बेचने पर मजबूर हुए।
राष्ट्रवाद का उदय: मंचू शासकों की पाश्चात्य साम्राज्यवादियों के विरुद्ध असफलता और अयोग्यता ने चीनी राष्ट्रवादियों को मंचू शासन का अन्त करने को प्रेरित किया।
गुप्त समितियों की स्थापना: चीनियों ने प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना के लिये गुप्त समितियों की स्थापना की।
1849 का दुर्भिक्ष: 1849 ई. का क्वांगतुंग में घोर दुर्भिक्ष का पड़ना ताइपिंग विद्रोह का तात्कालिक कारण बना।
ताइपिंग विद्रोह का परिणाम
मंचू सेनाओं की पराजय: नवम्बर, 1850 से फरवरी, 1851 ई. तक हुंग-सियू-चुआन की सेनाओं ने मंचू सेनाओं को पराजित किया।
ताइपिंग-तिएन-तुओ की स्थापना: उसने घोषणा की कि तिएन (स्वर्ग, ईश्वर) ने उसे मंचुओं के विनाश एवं ताइपिंग (महान् शान्ति) की स्थापना के लिये पृथ्वी पर भेजा है। उसने मंचू सेनाओं को परास्त करने के बाद ताइपिंग - तिएन- तुओ (महान् शान्ति का दैवीय साम्राज्य) की घोषणा की एवं वह स्वयं इसका तिएन वांग (ईश्वरीय सम्राट) बना। नानकिंग का नाम उसने तियंग चिंग (ईश्वरीय राजधानी) कर दिया।
विदेशी शक्तियों का हस्तक्षेप: विद्रोही सेनायें तीत्सिन तक पहुँच गयीं। विद्रोही सेनाओं की सफलता असाधारण थी किन्तु शीघ्र ही विदेशियों के बल पर मंचू शासन ने ताइपिंग के विस्तार को रोका, फिर भी दक्षिणी चीन पर ताइपिंग सरकार का अधिकार बना रहा। द्वितीय अफीम युद्ध के बाद विदेशी शक्तियों ने पुन: मंचू शासक को मदद की। परिणाम स्वरूप 1864 ई. तक ताइपिंग सत्ता समाप्त हो गयी।
आर्थिक एवं सामाजिक सुधार: 1853 ई. से 1864 ई. तक ताइपिंग सरकार ने आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनेक सुधार कार्य किये।
ताइपिंग विद्रोह की असफलता के कारण
- विनाके के अनुसार आन्दोलन ने रचनात्मक नेतृत्व का सृजन नहीं किया था।
- आन्दोलनकारियों में मतभेद पैदा हो गये थे।
- प्रारम्भिक सफलता के बाद आन्दोलनकारियों ने ताइपिंग सिद्धान्त की अवहेलना की।
- जनता ने हिंसा और आतंक से परेशान होकर मंचू शासन का समर्थन किया।
निष्कर्ष: ताइपिंग विद्रोह चीन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसने चीन की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को बदल दिया और 1911 की चीनी क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।प्रशस्त किया।
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