अलैंगिक प्रजनन की परिभाषा, प्रकार और गुण बताइए: प्रजनन की वह विधि जिसमें दो जीवों अथवा जनन कोशिकाओं (Reproductive cells) का संयोग या संलयन (fusion) ह
अलैंगिक प्रजनन की परिभाषा, प्रकार और गुण बताइए
अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction) - प्रजनन की वह विधि जिसमें दो जीवों अथवा जनन कोशिकाओं (Reproductive cells) का संयोग या संलयन (fusion) हुए बिना ही कोई जीव अपने ही समान जीवों को उत्पन्न कर देता है अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction) कहलाती है। यह प्रजनन केवल निम्न श्रेणी के जीवों में पाया जाता है। इस प्रकार उत्पन्न सन्तानें (Offsprings) आकारिकीय रूप से (Morphologically) एवं आनुवंशिकीय रूप से (Genetically) मातृ जीव से समानता प्रदर्शित करती हैं, इन्हें क्लोन (Clones) कहते हैं। वह प्रक्रिया जिसमें नई सन्तानों की उत्पत्ति किसी जीव से बिना युग्मकों के निर्माण तथा बिना संलयन के होती है, असंगजनन अथवा एपोमिक्सिस (Apomixis = away from mixing) कहलाती है। विंकलर (Winkler, 1908) के अनुसार, लैंगिक जनन का ऐसी किसी भी विधि द्वारा विस्थापन जिसमें अर्द्धसूत्रण (Meiosis) व युग्मक संलयन (Fusion of gametes) न हो, असंगजनन कहलाता है। असंगजनन करने वाली जातियों को असंगजनक जातियाँ (Apomictic species) कहते हैं ।
चूँकि असंगजनन के अन्तर्गत जनन की सभी अलैंगिक विधियाँ सम्मिलित हैं, अत: अलैंगिक प्रजनन को दो मुख्य वर्गों में विभक्त किया जा सकता है- 1. कायिक जनन (Vegetative Reproduction) और 2. अनिषेक बीजता (Agamospermy )
1. कायिक जनन (Vegetative Reproduction)—जब जनन लैंगिक अंग के अतिरिक्त किसी अन्य कायिक अंग से होता है तो इसे कायिक जनन कहते हैं।
2. अनिषेक बीजता (Agamospermy ) – यह पौधों में पायी जाती है। इस विधि में यद्यपि प्रवर्धन बीज द्वारा ही होता है परन्तु इनमें भ्रूण के विकास में अर्धसूत्रण एवं युग्मक संलयन नहीं होता है।
किसी अलैंगिक इकाई (Asexual unit) जैसे - कलिका (Bud), खण्ड (Fragment) आदि से किसी जीव का विकास होता है तो इस विधि को ब्लास्टोजेनेसिस (Blastogenesis) कहते हैं, जबकि अलैंगिक शरीर (Asexual body) को ब्लास्टोज (Blastos) कहते हैं।
अलैंगिक प्रजनन के गुण (Characteristics of Asexual Reproduction in Hindi)
- इसमें केवल एक जनक ही सन्तान पैदा कर सकता है, इसीलिए इसे एकमातृक प्रजनन (Uniparental reproduction) भी कहते हैं।
- यह जनन केवल असूत्री या समसूत्री (Amitosis or mitosis) विभाजन के द्वारा होता है।
- इसमें प्रजनन इकाई पैतृक जीव का सम्पूर्ण शरीर, कुछ खण्ड, कलिका या एक कायिक कोशिका (Somatic cell) हो सकती है।
- केवल एक जीव बहुत अधिक सन्ततियाँ उत्पन्न कर सकता है।
- इस विधि द्वारा उत्पन्न सन्तानें आकारिकीय एवं आनुवंशिकीय रूप से मातृ जीव से समानता प्रदर्शित करती हैं।
- इस क्रिया के द्वारा प्रजनन तीव्र होता है।
- यह विधि लैंगिक प्रजनन से आद्य (Primitive) है।
- यह प्रजनन की एक विधि है।
- यह जीवों में विभिन्नताएँ (Variations) उत्पन्न नहीं करता है।
- अलैंगिक प्रजनन मुख्य रूप से एककोशिकीय जीव जैसे- प्रोटोजोअन (अमीबा, पैरामीशियम), स्पंज (साइफा ), सोलेण्ट्रेटस (हाइड्रा, ट्यूबुलेरिया), कुछ चपटे कृमियों (प्लेनेरिया) तथा कुछ शैवालों में पाया जाता है।
अलैंगिक प्रजनन के प्रकार (Types of Asexual Reproduction in Hindi)
अलैंगिक प्रजनन निम्नलिखित प्रकार का होता है-
1. विखण्डन (Fission) - यह अलैंगिक प्रजनन की बहुत सरल विधि है जिसमें जीव शरीर साधारण विभाजन अथवा समसूत्री विभाजन (Mitosis) द्वारा दो या दो से अधिक भागों अर्थात् पुत्री कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है। इस प्रकार के प्रजनन में जीव का सम्पूर्ण शरीर जनन इकाई के रूप में कार्य करता है। विखण्डन दो प्रकार का होता है-
(अ) द्विविखण्डन (Binary fission) तथा (ब) बहुविखण्डन (Multiple fission)।
(अ) द्विविखण्डन (Binary Fission ) - जब जीव केवल दो खण्डों में विभाजित होता है, तब इस प्रजनन विधि को द्विविखण्डन (Binary Fission) कहते हैं।
द्विविखण्डन के उदाहरण (Examples of Binary Fission)— उदाहरण 1. प्रोटोजोअन में द्विविखण्डन (Binary Fission in Protozoan) - प्रोटोजोअन में सर्वप्रथम केन्द्रक (Nucleus) में उपस्थित गुणसूत्रों का समसूत्रण (Mitosis) द्वारा प्रतिलिपिकरण (Replication) होता है और फिर केन्द्रक खाँच (Furrow) द्वारा दो भागों में बँटता जाता है। इसके साथ ही कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) भी धीरे-धीरे केन्द्रकों के पृथक् होने के साथ बँटता जाता है । अन्तत: इससे दो स्वतन्त्र पुत्री कोशिकाओं (Daughter cells) का निर्माण हो जाता है। प्रत्येक कोशिका में एक-एक छोटा केन्द्रक होता है। ये कोशिकाएँ वृद्धि करके पुनः विभाजन के लिए तैयार होती हैं।
(ब) बहु-विखण्डन ( Multiple Fission ) - जब कोई जीव अनेक बार विभाजन करता है और जिसके फलस्वरूप अनेक सन्ततियाँ (Offsprings) उत्पन्न हों तो इसे बहु-विखण्डन (Multiple Fission) कहते हैं।
बहु-विखण्डन के उदाहरण (Examples of Multiple Fission)— उदाहरण 1. अमीबा में बहु - विखण्डन (Multiple Fission in Amoeba)— अमीबा में बहुविभाजन प्रतिकूल वातावरण (जल का अभाव, भोजन की कमी, अनुकूलतम से अधिक तापक्रम आदि) के समय होता है । प्रतिकूल वातावरण से बचने के लिए यह अपने चारों ओर तीन स्तरीय सुरक्षात्मक आवरण स्रावित करता है जिसेपुटी (Cyst) कहते हैं और इस क्रिया को पुटीभवन (Encystment) कहते हैं। पुटी के अन्दर अमीबा का केन्द्रक अनेक केन्द्रकों (Nuclei) में बँट जाता है। अब इन्हें अमीबुली ( Amoebulae ) या स्यूडोपोडियोस्पोर (Pseudopodiospore) कहते हैं। अनुकूल परिस्थितियाँ मिलने पर पुटी जल में घुल जाती है और सन्तति अमीबा (Daughter Amoebae) स्वतन्त्र हो जाते हैं।
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