स्वास्थ्य उन्नति पर टिप्पणी: स्वास्थ्य उन्नति एक प्रक्रिया है जो व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने और इसमें सुधार लाने की योग्यता में वृद्
स्वास्थ्य उन्नति पर टिप्पणी (Swasthya Unnati par Tippani)
स्वास्थ्य उन्नति पर टिप्पणी: स्वास्थ्य उन्नति एक प्रक्रिया है जो व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखने और इसमें सुधार लाने की योग्यता में वृद्धि करती है व्यक्ति के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य समर्थन तथा भला चंगा होने की भावना अच्छे स्वास्थ्य व्यवहारों को अपनाने का संकेत देते हैं। अच्छे स्वास्थ्य व्यवहार ऐसे होते है, जैसे सन्तुलित भोजन जो कोलेस्टरॉल और चर्बी बढ़ाये, नियमित व्यायाम करें तथा नियमित रूप से अपने शरीर का डॉक्टरी मुआयना करायें।
मनोवैज्ञानिकों और स्वास्थ्य चिकित्सकों के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य समर्थन एवं भला-चंगा होने के भाव को उत्पन्न करना उन प्रयासों की ओर संकेत देते है जो स्वस्थ न कि रोगग्रस्त व्यक्तियों के साथ किये जाते है ताकि उनके अच्छे स्वास्थ्य में वृद्धि हो सके। हमारे देश में यह प्रयास अभी कुछ वर्षों से ही किये जाने लगे हैं।
स्वास्थ्य उन्नति व्यवहारों को अपनाने तथा स्वास्थ्य विनाशक व्यवहारों को जीवन शैली से निष्कासित करने की ओर अब अनेक कारणों से ध्यान दिया जाने लगा है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं -
1. व्यक्तियों में इस बात की चेतना उत्पन्न करना कि वे अपने स्वास्थ्य के लिए स्वयं उत्तरदायी हैं। अतएव वह स्वयं इस ओर प्रयास करें।
2. जन स्वास्थ्य की ओर स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों द्वारा कदम उठाने पर बल।
3. जन संचार माध्यमों द्वारा जनता को स्वस्थ्य जीवन की ओर क्या कदम उठाने चाहिए इसकी सूचना और प्रेरणा दोनों मिलती है।
4. पारम्परिक उपचार विधियों की असफलताओं ने भी इनकी ओर से व्यक्तियों को उदासीन बना दिया है और वह अब रोग से बचने के लिए सावधानियों को अपनाने में अधिक रुचि लेने लगे हैं।
5. महँगाई से बचने की ओर प्रयासों के सम्बन्ध में अनुसन्धानकर्ता तथा नीति-निर्धारक इस निष्कर्ष पर पहुँच गये हैं कि स्वास्थ्य सुधार की विधियों पर ध्यान देना उससे कहीं अधिक कम व्यय वाला होगा। जो व्यक्तियों के गम्भीर बीमारियों से रोगग्रस्त होने पर उपचार में लग जायेगा।
6. दीर्घ कालिक बीमारी जैसे कैंसर या दिल की बीमारी बहुत कुछ जीवन शैली पर निर्भर करती है अब जीवन शैली में सुधारों की ओर प्रयास किये जाने लगे हैं।
7. वैज्ञानिक अध्ययनों ने रोग की रोकथाम एवं उपचार में सामाजिक, व्यावहारिक एवं शैक्षिक हस्तक्षेप के महत्व को स्पष्ट कर दिया है। इस कारण भी स्वास्थ्य उन्नति की ओर लोगों की ग्रहणशीलता बढ़ गई है।
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