माँसपेशियों से सम्बन्धित व्यायाम (Exercises Related to Muscles) : माँसपेशियों को मजबूत करने के लिए किये जाने वाले व्यायाम निम्न प्रकार हैं- (1) छाती क
मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम बताइए।
माँसपेशियों से सम्बन्धित व्यायाम (Exercises Related to Muscles) : माँसपेशियों को मजबूत करने के लिए किये जाने वाले व्यायाम निम्न प्रकार हैं- (1) छाती की माँसपेशियों के व्यायाम, (2) पीठ की माँसपेशियों के व्यायाम, (3) बाजुओं की माँसपेशियों के व्यायाम, (4) कन्धों की माँसपेशियों के व्यायाम, (5) शरीर के निचले भाग की माँसपेशियों के व्यायाम, (6) पेट की माँसपेशियों के व्यायाम।
1. छाती की माँसपेशियों के व्यायाम: छाती की विभिन्न माँसपेशियों की देखभाल के लिए अलग-अलग व्यायाम किये जाते हैं। इनमें बैच प्रेस, इनक्लाइन्ड फ्लाई, इनक्लाइन्ड प्रेस, डिकलाइंड प्रेस, डंड, केबल क्रास ओवर तथा पैक डैक व्यायाम महत्वपूर्ण व उपयोगी हैं।
2. पीठ की माँसपेशियों के व्यायाम: पीठ की माँसपेशियों के व्यायाम के अन्तर्गत कन्धों के झटके, एक बाजू से खेना, पुश-अप्स, बैक एक्सटैंशन, रोमन बैच, सीटिंडरो तथा लेट्रल पुल डाउन आदि व्यायाम आते हैं।
3. बाजुओं की माँसपेशियों के व्यायाम: बाजू के अगले भाग की माँसपेशियों के लिए बारबैल करल एवं सीटिड हैमर करल, ऊपरी भाग डैम्वल परीचर करल एवं सीटिड हैमर करल तथा अन्य माँसपेशियों हेतु ट्राइसैपस किकबैक / डिप ट्राइसैपस सीटिड अमेरहैड एक्टैंशन तथा ट्राइसपस लापिंग एक्सटैंशन व्यायाम उपयोगी होते हैं।
4. कन्धों की माँसपेशियों के व्यायाम: कन्धों की विभिन्न माँसपेशियों की देखभाल हेतु ओवरहैड (मिल्ट्री), प्रेस, लेट्रल रेजिज तथा प्रोन फलाई जैसे व्यायाम अधिक उपयोगी होते हैं।
5. शरीर के निचले भाग की माँसपेशियों के व्यायाम: शरीर के निचले भाग की मांसपेशियों की देखभाल हेतु पावों के बल बैठना, फ्रंट लौंज, कॉफ हील रेग, हिप एबडक्शन, हिप एक्सटैंशन, हिप एडक्शन, लैग प्रेस, लैग एक्टेंशन तथा लैग करल जैसे व्यायाम अधिक उपयोगी माने जाते हैं।
6. पेट की माँसपेशियों के व्यायाम: पेट हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। पेट की मांसपेशियों की देख-रेख के लिए किये जाने वाले व्यायामों में अपर क्रांचिज / इनक्लाइन्ड सिट अप, लोअर क्रांचिज / लैग रेजिज, साइड क्रंचिज जैसे व्यायाम तथा क्रंच मशीन पर किये जाने वाले व्यायाम उपयोगी होते हैं।
अतः हम कह सकते हैं कि माँसपेशियों के व्यायाम से अनेक प्रकार से हमारा शरीर निरोगी होता है और मांसपेशियों की गति में कुशलता आती है। इसलिए हमें निरन्तर माँसपेशियों की कुशलता के लिए इसकी देखभाल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
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