विद्यालय में विलंब से पहुंचने पर अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य हुए संवाद को लिखिए: इस लेख में अध्यापक और विद्यार्थी के बीच देर/ विलंब से आने के लिए सं
विद्यालय में विलंब से पहुंचने पर अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य हुए संवाद को लिखिए: इस लेख में अध्यापक और विद्यार्थी के बीच देर/ विलंब से आने के लिए संवाद लेखन लिखना सिखाया गया है।
विद्यालय में विलंब से पहुंचने पर अध्यापक और विद्यार्थी के मध्य संवाद लेखन
अध्यापक: गुड मॉर्निंग, अनिल। आज विद्यालय देर से क्यों आए?
विद्यार्थी: गुड मॉर्निंग, सर। मैं देर से आने के लिए माफी चाहता हूं। मैं स्कूल आते समय ट्रैफिक में फंस गया था।
अध्यापक: अच्छा, लेकिन मैं देख रहा हूँ कि तुम अक्सर देर से स्कूल आते हो।
विद्यार्थी: वो सर, मेरे घर के पास हमेशा ट्रैफिक जाम बना रहता है क्योंकि रस्ते में रेलवे क्रासिंग है। इसलिए मैं लेट हो जाता हूँ।
अध्यापक: अगर ऐसा है तो तुम्हें विद्यालय के लिए जल्दी निकलना चाहिए।
विद्यार्थी: जी सर, मैं समझ गया। अब से मैं ऐसा ही करूँगा।
अध्यापक: ठीक है, अब, अपनी सीट पर बैठ जाओ और अपनी किताब निकालकर पढना शुरू करो।
विद्यार्थी: (किताब बस्ते से निकालते हुए) जी अच्छा, सर।
कक्षा में देरी से आने पर अध्यापक और छात्र के संवाद लेखन
अध्यापक: (गुस्से में) तुम फिर लेट क्यों हो गए?
छात्र: (माफी मांगते हुए) मुझे खेद है, मैं ट्रैफिक में फंस गया था।
अध्यापक: यह कोई बहाना नहीं है। तुम हमेशा देर से आते हो। क्या तुम्हें समय की ज़रा भी परवाह नहीं है ?
छात्र: सर, मैं वास्तव में माफी चाहता हूँ। मैं दोबारा कभी देर से नहीं आऊंगा।
अध्यापक: तुम्हे पता है कि देर से आने के कारण तुम महत्वपूर्ण पाठों से चूक रहे हैं जिससे तुम्हारी पढाई प्रभावित हो रही है।
छात्र: मुझे पता है, अध्यापक जी। मैं अब से समय पर आने की कोशिश करूंगा।
अध्यापक: यह काफी नहीं है। तुम्हें समय का पाबंद होने की आवश्यकता है। तुम्हें समय से पहले विद्यालय के लिए निकलना चाहिए ताकि ट्रैफिक में फंसो।
छात्र: जी मैं समझ गया। मैं अब से ऐसा ही करूँगा।
अध्यापक: मुझे खुशी है कि तुम मेरी बात समझ गए। अब जाओ और अपने सहपाठी के साथ बैठकर अध्ययन करो।
छात्र: जी धन्यवाद।
प्यारे बच्चों, यहाँ हमने शिक्षक और विद्यार्थी के बीच देर से आने को लेकर संवाद लेखन लिखना सिखाया हैं। आशा है कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आया होगा।
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