पिंजरे में कैद पक्षी और मनुष्य के बीच संवाद लेखन : इस लेख में पिंजरे में कैद पक्षी और मानव के बीच काल्पनिक संवाद लिखना सिखाया गया है। जिसे पढ़कर छात्र
पिंजरे में कैद पक्षी और मनुष्य के बीच संवाद लेखन : इस लेख में पिंजरे में कैद पक्षी और मानव के बीच काल्पनिक संवाद लिखना सिखाया गया है। जिसे पढ़कर छात्र आसान और सरल शब्दों में एक चिड़िया और मनुष्य के बीच संवाद लिख पाएंगे।
पिंजरे में कैद पक्षी और मनुष्य के बीच संवाद लेखन
मानव : हेलो बर्डी, आज कैसा महसूस कर रही हो?
चिड़िया: चीप! चहक! मैं आज कुछ उदास महसूस कर रहा हूँ। मैं अपने पंख फैलाकर खुले आसमान में उड़ना चाहता हूं।
मानव : मैं समझ सकता हूं कि तुम्हें पिंजड़े में कैद होगा कैसा लगता होगा।
पक्षी: धन्यवाद दोस्त। तुम्हें पता है- जब मैं दूसरे पक्षों को उड़ते देखता हूं तो मुझे इश्क होती है।
मानव : क्या तुमने कभी अपने मालिक को बताया है कि तुम्हारी भी उड़ने की इच्छा होती है?
चिड़िया: काई बार बताने की कोशिश की है, लेकिन वे हमेशा ये कह-कर ताल देते हैं कि पिंजड़े के बाहर उड़ना मेरे लिए खतरानाक हो सकता है।
मानव : मैं समझ गया। कैसा रहेगा की याद मैं तुम्हारे मलिक से तुम्हें आजाद करने के लिए समझाऊं?
चिड़िया: यह एक अच्छा विचार है!
मानव : धन्यवाद प्यारे पक्षी। मुझे उम्मीद है कि तुम जल्दी ही खुले आसमान में उड़ान भर रहे होंगे।
पिंजरे में बंद पक्षी से काल्पनिक संवाद लेखन
मनुष्य : हैलो नन्ही प्यारी चिड़िया, कैसी हो?
पक्षी : चूं चूं चूं चूं! मैं अच्छी हूं, आप कैसे हो?
मनुष्य : मैं भी अच्छा हूं। तुम्हें पता है कि तुम्हारे रंग बिरंगे पंख बहुत प्यारे हैं। क्या तुम खुले आसमान में उड़ना नहीं चाहोगी ?
पक्षी : बिल्कुल उड़ना चाहूंगी, आखिरी पक्षी उड़ने के लिए ही तो बने होते हैं। लेकिन मैं इस पिंजड़े में सुरक्षित महसूस करती हूं। मुझे यहां समय से भोजन और पानी मिल जाता है।
मनुष्य : मैं समझता हूं, लेकिन क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि कभी खुली हवा में आजादी से उड़ान भरो? तुम्हें क्या पिंजड़े में घुटन नहीं होती?
पक्षी : बेशक मेरा भी खुले आसमान में उड़ने का मन करता है लेकिन इसमें काफी कफी खतरे भी होते हैं। अगर मुझे किसी शिकारी ने पकड़ लिया तो? फिर मुझे वहां जनता भी कौन है।
मनुष्य : बात तो सही कह रही हो। अगर तुम्हें पिंजड़े में ही खुशी मिलती है तो यही सही।
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