अकबर की मृत्यु कब कैसे और कहां हुई ?
1605 में पेचिश के बाद हुई बीमारी से अकबर की मृत्यु हो गई। उसकी कब्र आगरा के सिकंदरा में एक मकबरे पर है। उसने 49 वर्षों तक शासन किया था। इतने बड़े सम्राट की मृत्यु होने पर उसकी अन्त्येष्टि बिना किसी संस्कार के जल्दी ही कर दी गयी। परम्परानुसार दुर्ग में दीवार तोड़कर एक मार्ग बनवाया गया तथा उसका शव चुपचाप सिकंदरा के मकबरे में दफना दिया गया।
सितम्बर 1605 में अकबर को पेचिश की बीमारी हुई, जिससे वह बीमार पड़ गया। उसके हकीमों ने हर उपाय की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। दूसरे दिन सलीम आ गया। इस समय तक अकबर बोलने में असमर्थ था, लेकिन उसने अपने अधिकारियों को सलीम के सिर पर शाही मुकुट पहनने के संकेत दिए और सलीम स्वीकृत उत्तराधिकारी के रूप में कमरे से बाहर चला गया।
अंतिम समय में मरते हुए सम्राट अकबर के शयनकक्ष में केवल कुछ मित्रों और परिचारकों को ही अनुमति दी गई थी। उन्होंने अकबर से अल्लाह का नाम लेने का आग्रह किया और वह कोशिश करने लगा, लेकिन एक आवाज नहीं निकाल सका। 25 अक्टूबर 1605 की आधी रात को महान राजा अकबर की मृत्यु हो गई। उन्हें आगरा के बाहर सिकंदरा में अपने द्वारा बनाए गए मकबरे में दफनाया गया था। सलीम बादशाह जहाँगीर के रूप में मुगल साम्राज्य का उत्तराधिकारी बना।