अकबर के शासनकाल में इंग्लैंड की महारानी कौन थी ?
अकबर का जन्म राजपूत शासक राणा अमरसाल के महल उमेरकोट, सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में २३ नवंबर, १५४२ हुआ था। 13 वर्ष की आयु में 14 फ़रवरी, 1556 को अकबर का राजतिलक हुआ। इस प्रकार अकबर का शासनकाल 1556 – 1605 ई. तक था। अकबर के शासनकाल के दौरान इंग्लैंड में एलिज़ाबेथ प्रथम का शासन था। एलिज़ाबेथ प्रथम ने 17 नवम्बर 1558 से 24 मार्च 1603 तक जबकि अकबर ने 1556 से 1605 ई. तक शासन किया। इस प्रकार अकबर और एलिज़ाबेथ प्रथम समकालीन थे।
जहां अकबर भारत के महानतम मुग़ल बादशाह थे, वहीँ एलिज़ाबेथ प्रथम ब्रिटेन के ट्युडर राजवंश की पाँचवी और आख़री सम्राट थीं। इन्होनें कभी शादी नहीं की और न ही इनकी कोई संतान हुई इसलिए इन्हें "कुंवारी रानी" (virgin queen) के नाम से भी जाना जाता था। इन्होनें इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्ष बना लिया। इस से वे ब्रिटेन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। इसी प्रकार अकबर ने भी दिन-इ ए-इलाही धर्म की स्थापना की। अकबर मूलतः मुसलमान था, पर दूसरे धर्म एवं सम्प्रदायों के लिए भी उसके मन में आदर था। जैसे-जैसे अकबर की आयु बढ़ती गई वैसे-वैसे उसकी धर्म के प्रति रुचि बढ़ने लगी। उसे विशेषकर हिंदू धर्म के प्रति अपने लगाव के लिए जाना जाता हैं।