प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर - Difference between Ac and Dc Current in Hindi
Difference between Ac and Dc Current in Hindi : यहाँ पढ़िए Ac Current यानि प्रत्यावर्ती धारा और Dc Current यानि दिष्ट धारा में अंतर।
प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा में अंतर
प्रत्यावर्ती धारा / AC Current | दिष्ट धारा / DC Current |
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AC धारा का मान तथा दिशा समय के साथ परिवर्तित होते है। | DC धारा का मान तथा दिशा नियत रहते हैं, समय के साथ नहीं बदलते। |
प्रत्यावर्ती धारा का उत्पादन आल्टरनेटर के द्वारा किया जाता है। | दिष्टधारा का उत्पादन जनित्र (जेनरेटर), डायनमो) से किया जाता है। |
AC को DC में परिवर्तित करने वाली युक्ति डायोड (Rectifier) है। | DC को AC में परिवर्तित करने वालो युक्ति इन्वर्टर (Inverter) है। |
अल्टरनेटिंग करंट (AC) को हिंदी में प्रत्यावर्ती धारा कहते है | डायरेक्ट करंट (DC) को हिंदी में प्रत्यावर्ती धारा कहते है |
इसको एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने में ऊर्जा की हानि बहुत कम होती है। | इसको एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने में ऊर्जा की हानि बहुत अधिक होती है। |
AC का उत्पादन 33,000 volts तक किया जा सकता है। | DC का उत्पादन केवल 650 वोल्ट तक ही किया जा सकता है। |
इसके यंत्र सुविधाजनक तथा मजबूत होते है। | AC की तुलना में कम मजबूत तथा सुविधाजनक होते है। |
यह धारा केवल उष्मीय प्रभाव प्रदर्शित करती है। चुम्बकीय और रासायनिक प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती है। | ये धारा उष्मीय, चुम्बकीय और रसायनिक तीनो प्रभाव प्रदर्शित करती है। |
इसके मापन के उपकरण धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित है। | इसके मापन के उपकरण धारा के चुम्बकीय प्रभाव पर आधारित है। |