विपणन और विक्रय में अंतर - Difference between Sales and Marketing in Hindi: विपणन का लक्ष्य ग्राहक को संतुष्ट करना होता है जबकि विक्रय लक्ष्य ग्राहक
विपणन और विक्रय में अंतर - Difference between Sales and Marketing in Hindi
विपणन तथा विक्रय में अंतर—सामान्यतः विपणन एवं विक्रय को पर्यायवाची मान लिया जाता है। किन्तु वास्तविकता यह नहीं है। विपणन का लक्ष्य ग्राहक को संतुष्ट करना होता है जबकि विक्रय लक्ष्य ग्राहक को अधिक से अधिक विक्रय कर लाभ कमाना होता है । विपणन और विक्रय में निम्नलिखित अंतर है-
विपणन और विक्रय में अंतर
अंतर का आधार | विपणन (Marketing) | विक्रय (Sales) |
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उद्देश्य | ग्राहकों की संतुष्टि द्वारा दीर्घकाल में लाभ अर्जित करना विपणन का उद्देश्य होता हैं । | विक्रय में वस्तु व सेवाओं का स्वामित्व हस्तांतरण ही उद्देश्य होता है । |
क्षेत्र | विपणन का क्षेत्र अत्यधिक व्यापक होता है उत्पाद के उत्पादन से लेकर ग्राहक की संतुष्टि तक | विक्रय, विपणन की क्रियाओं में से सिर्फ एक क्रिया हैं। |
मुख्य केन्द्रबिंदु | विपणन में ग्राहक ही मुख्य केन्द्र बिन्दु होता है उसकी आवश्यकताओं, व्यवहार को ध्यान में रखकर निर्णय लिये जाते हैं। | उत्पाद के ग्राहक को हस्तांतरण की क्रियाओं पर ही मुख्य ध्यान रहता हैं । |
लक्ष्य | विपणन का लक्ष्य ग्राहक को संतुष्ट करना होता है। | विक्रय लक्ष्य ग्राहक को अधिक से अधिक विक्रय कर लाभ कमाना होता है । |
क्रियाओं का प्रारंभ व अंत | विपणन की क्रिया उत्पाद बनने से पहले से प्रारंभ हो जाती हैं तथा वस्तु के विक्रय पहचान ग्राहक के संतुष्ट होने पर अंत होती है। | विक्रय की क्रिया उत्पाद बन जाने के बाद प्रारंभ होती है तथा विक्रय हो जाने के बाद अंत हो जाती है |
विशेषताएँ | विपणन में ग्राहकों की आवश्यकताओं की अनुसार उत्पाद में परिवर्तन तथा वस्तु बदलाव लाये जाते है। | विक्रय में ग्राहक को बनी वस्तु क्रय करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। |
रणनीतियाँ | विपणन ने उत्पादन बनने से लेकर उसके संवर्धन मूल्य निर्धारण, भौतिक वितरण आदि सभी रणनीतियाँ का निर्धारण किया जाता है। | विक्रय में प्रवर्तन तथा तैयार करने संबंधित रणनीतियाँ सम्मिलित हैं । |
सामाजिक उत्तरदायित्व | विपणन में सामाजिक उत्तरदायित्व पर ध्यान दिया जाता है। | विक्रय में सामाजिक उत्तरदायित्व पर ध्यान नही दिया जाता है। |
मूल्य निर्धारण | विपणन में ग्राहक को उत्पाद से होने वाली संतुष्टि तथा उपयोगिता के आधार पर मूल्य निर्धारण होता है। | विक्रय में उत्पाद की लागत के आधार पर लाभ जोड़कर मूल्य निर्धारण होता है। |
नियोजन | विपणन में भविष्य में आने वाली मांग तथा पूर्ति को ध्यान में रखकर दीर्घकालीन नियोजन किया जाता हैं। | विक्रय में वर्तमान में उपलब्ध माल के विक्रय हेतु नियोजन किया जाता है जो अल्पकालीन होता हैं। |
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