संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्व है ? विवेचना कीजिए।
प्रस्तावना हमारे संविधान का सार है। यह उसकी प्रेरणा और आधारशिला है। हमारे संविधान के समस्त प्रावधान प्रस्तावना में निहित भावनाओं से स्फूर्ति ग्रहण करते हैं। क़ानून की दृष्टि से प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं हैं, किन्तु व्यवहार में यही कार्यपालिका और व्यवस्थापिका का मार्गनिर्देशन करने वाला प्रकाश स्तम्भ है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना के महत्व को निम्न बिन्दुओं के आधार पर भलीभांति समझा जा सकता है:-
संविधान की प्रस्तावना का महत्व
- प्रस्तावना भारतीय शासन प्रणाली को स्पष्ट करती है।
- प्रस्तावना शासन के सिद्धान्तों को प्रकट करती है।
- प्रस्तावना संविधान की व्याख्या में सहायक होती है।
- राजनीतिक और नैतिक दृष्टि से प्रस्तावना शासनकर्ताओं के दायित्वों का बोध कराती है।
- जटिल परिस्थितियों में प्रस्तावना संविधान के ध्येयों को इंगित करती है।
- प्रस्तावना संविधान के संचालन में प्रकाश स्तम्भ का कार्य करती है।
- प्रस्तावना संविधान के स्त्रोत पर प्रकाश डालती है।
- प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों को परिलक्षित करती है।
- प्रस्तावना संविधान के प्रवर्तन की तिथि बताती है।
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