बत्तख पर निबंध। Essay on Duck in Hindi! बत्तख एक जलीय पक्षी है। इसे अंग्रेजी में डक कहते हैं। बतख की चोंच चपटी और सपाट होती है। बत्तख को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-समुद्री बत्तख और मीठे पानी की बत्तख। इनके बोलने पर एक विशेष ध्वनि निकलती है जिसे क्वेक क्वेक कहते हैं। बत्तख के पैर जालीदार होते हैं। वह पैडल के रूप में कार्य करते हैं तथा बत्तख को तेजी से तैरने में मदद करते हैं। यह अंटार्कटिका के अतिरिक्त विश्व के सभी महाद्वीपों में पाई जाती हैं। बत्तख की दूसरी विशेषता है इसके जलरोधी पंख। जो उसे सूखने तथा ठंडे पानी से बचाने में मदद करते हैं।
बत्तख पर निबंध। Essay on Duck in Hindi
बत्तख एक जलीय पक्षी है। इसे अंग्रेजी में डक कहते हैं। बतख की चोंच चपटी और सपाट होती है। बत्तख विभिन्न रंगों में पाया जाने वाला एक सुन्दर पक्षी होता है। यह अंटार्कटिका के अतिरिक्त विश्व के सभी महाद्वीपों में पाई जाती हैं। बत्तख की गर्दन लम्बी किन्तु हंस से छोटी होती है। इनके बोलने पर एक विशेष ध्वनि निकलती है जिसे क्वेक क्वेक कहते हैं।
बत्तख की विशेषताएं : बत्तख के पैर जालीदार होते हैं। वह पैडल के रूप में कार्य करते हैं तथा बत्तख को तेजी से तैरने में मदद करते हैं। बतख के पैरों में कोई भी तंत्रिका या रक्त वाहिकाएं नहीं होती हैं जिस कारण बत्तख ठंडे पानी में भी आसानी से कर लेती है। बत्तख की दूसरी विशेषता है इसके जलरोधी पंख। जो उसे सूखने तथा ठंडे पानी से बचाने में मदद करते हैं।
बत्तख के प्रकार : बत्तख को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-समुद्री बत्तख और मीठे पानी की बत्तख। समुद्री बत्तख भोजन की तलाश में गहरे पानी के नीचे गोता लगाती है, इसीलिए इसे गोताखोर बत्तख भी कहा जाता है।मर्गेनर, ईडर और स्कॉटर इत्यादि समुद्री बत्तखे हैं। समुद्री बत्तख का वजन आमतौर पर मीठे पानी की बत्तख की तुलना में अधिक होता है। इससे उन्हें पानी के नीचे रहने में मदद मिलती है।
बत्तखों का दूसरा प्रकार है मीठे पानी की बत्तख। यह पक्षी मुख्य रूप से उथले अर्थात कम गहरे पानी में रहते हैं। इन्हें सरोवर, तालाब, झीलों इत्यादि के किनारे देखा जा सकता है। एक मीठे पानी की बत्तख अपने भोजन के लिए जलीय पौधों, मछलियों के अतिरिक्त धरती पर पाए जाने वाले पौधों-वनस्पतियों, कीट-पतंगों पर भी निर्भर करती है। मॉलर्ड, ब्रिटिश शोवलेर, गैडवॉल्स इत्यादि मीठे पानी की बत्तखों के उदाहरण हैं।
बत्तख का जीवन : एक बत्तख का जीवनकाल कई बातों पर निर्भर करता है-जैसे कि बत्तख कौन सी प्रजाति की है और वह जंगल में रहती है या किसी ने उसे फार्म में पाला है। सही परिस्थितियों में एक जंगली बत्तख 20 साल तक जीवित रह सकती है। जबकि फार्म में पाली गई घरेलू बत्तख आमतौर पर 10 से 15 साल ही जीवित रहती है।
बत्तख का भोजन : तालाब या सरोवर के किनारे आप लोगों को पॉपकॉर्न या रोटी बत्तख को खिलाते हुए देख सकते हैं। परंतु बत्तख सर्वाहारी होते हैं। जिसका अर्थ है कि वह पौधे, वनस्पतियां तथा कीट-पतंगे आदि सभी खाते हैं। वे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे जलीय पौधों, छोटी मछलियां कीड़े-मकोड़े, ग्रब, सैलामेंडर और मछली के अंडे आदि खाते हैं। बत्तख की एक प्रजाति इसका नाम मेगनरसर है मुख्य रूप से मछली खाती है।
बत्तख की उपयोगिता : किसी भी अन्य पशु पक्षी की भांति बत्तख भी मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है। बत्तख से हमें खाने के लिए अंडे और मांस प्राप्त होता है। कुछ बत्तखों से हमें पंख भी प्राप्त होते हैं जो रजाई और तकिए को भरने में उपयोग किए जाते हैं। इसी कारण बत्तखों की फार्मिंग भी की जाती है।
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