Paragraph on True Friendship in Hindi सच्चे मित्र पर अनुछेद लेखन
कहा
जाता है-विपत्ति रूपी कसौटी पर कसा जाने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है।
संस्कृत में कहावत है-‘राजदरबारेश्च श्मशाने यो
तिष्ठति स बांधव’ अर्थात् राजदरबार और श्मशान
घाट में साथ रहने वाला ही सच्चा मित्र कहा जाता है। यहाँ ‘राजदरबार’ सुख का और ‘श्मशान’ दुख का प्रतीत है। अतः
सुख-दुख में साथ रहने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है। सच्चा मित्र अपने
स्वार्थों से ऊपर उठकर अपने मित्र को बुराई की राह पर चलने से बचाता है। वह अपने
मित्र को न तो कभी भटकने देता है और न ही सही रास्ता भूलने देता है। सदैव उसे सही
रास्ते पर चलाने की कोशिश करता है और संकट के समय कभी उसका साथ नहीं छोड़ता। सच्चा
मित्र अपना विवेक सदैव जगाए रखकर मित्र का विवेक भी जगाए रखता है। यों तो भटकाने
और मौज-मस्ती में साथ देने वाले मित्र जीवन में कदम-कदम पर मिल जाते हैं परंतु
सच्चे मित्र बहुत कम मिलते हैं। ईश्वर से हमें यही प्रार्थना करनी चाहिए कि वह
हमें स्वार्थी मित्रों से बचाए और सच्चे मित्रों से मिलाए।
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