जब मेरा मोबाइल फोन गुम हो गया - अनुच्छेद लेखन
पहले मोबाइल फोन बहुत महंगे थे इसलिए अमीर आदमी ही इसे खरीद सकते थे परंतु जब ये सस्ते हुए तब मैंने भी एक नोकिया का मोबाइल फोन खरीद लिया। आरंभ में बहुत अच्छा लगा। मोबाइल फोन हाथ में लेकर हम भी अपने आपको अमीर और सभ्य समझने लगे। तभी एक दिन जब मैं लंच के समय पार्क में जाकर घास पर बैठा तो वह मोबाइल फोन जो हमेशा मेरी मुट्ठी में रहता था मैंने उसे घास पर ही रख दिया। चूँकि मुझे आदत नहीं थी इसीलिए जब मैं वहाँ से उठकर चला तो अपने मोबाइल फोन को वहीं घास पर रखा भूल गया और विद्यालय चला गया। थोड़ी देर बाद मुझे मोबाइल फोन का ख्याल आया तो मैं दौड़कर वहाँ गया जहाँ मैं लंच में घास पर बैठा था। परंतु मुझे वहाँ पर मोबाइल नहीं मिला। इससे मुझे बहुत बड़ा धक्का लगा। मेरा नया मोबाइल फोन गुम हो गया था। मैंने सबसे पूछा परंतु किसी ने नहीं बताया कि मेरा मोबाइल कहाँ चला गया। फिर मैंने पुलिस थाने में भी रिपोर्ट लिखवाई। परंतु आज तक मेरा वह मोबाइल फोन नहीं मिला। आखिर मुझे दूसरा मोबाइल फोन खरीदना पड़ा। अब मैं अपना मोबाइल फोन बहुत संभालकर रखता हूँ ताकि पहले की भांति वह गुम न हो।
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