कमलेश्वर का जीवन परिचय - Kamleshwar Biography in Hindi : कमलेश्वर का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के मैनपुरी जिले में 6 जनवरी सन् 1932 ईस्वी में हुआ। बाल्यावस्था में ही पिता की मौत के कारण इनका पालन-पोषण माँ के संरक्षण में हुआ। माँ के वैष्णव संस्कारों ने कमलेश्वर के व्यक्तित्व को काफी प्रभावित किया। मैनपुरी से हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से हिन्दी विषय लेकर एम.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद इनका साहित्यिक सफर निरन्तर अबाध गति से चला।
कमलेश्वर का जीवन परिचय - Kamleshwar Biography in Hindi
नाम
|
कमलेश्वर
प्रसाद सक्सेना
|
जन्म
|
6
जनवरी 1932
|
राष्ट्रीयता
|
भारतीय,
ब्रिटिश
भारतीय
|
कार्य
क्षेत्र
|
कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा
|
मृत्यु
|
27
जनवरी 2007
|
सम्मान
|
साहित्य
अकादमी पुरस्कार (2003) पद्मभूषण (2005)
|
जीवन-परिचयः ‘नई कहानी’ के प्रवर्तक के रूप में हिन्दी साहित्य के पुरोधा कमलेश्वर का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के
मैनपुरी जिले में 6 जनवरी सन् 1932 ईस्वी
में हुआ। बाल्यावस्था में ही पिता की मौत के कारण इनका पालन-पोषण माँ के संरक्षण
में हुआ। माँ के वैष्णव संस्कारों ने कमलेश्वर के व्यक्तित्व को काफी प्रभावित
किया। मैनपुरी से हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने प्रयाग
विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से हिन्दी विषय लेकर एम.ए. की परीक्षा
उत्तीर्ण की। इसके बाद इनका साहित्यिक सफर निरन्तर अबाध गति से चला।
‘नई कहानी’ और ‘सारिका’ नामक पत्रिकाओं का कुशल सम्पादन इनकी प्रतिभा का उत्कृष्ट उदाहरण रहा
है। वे काफी लम्बे समय तक आकाशवाणी और दूरदर्शन कार्यक्रमों से जुड़े रहे। बम्बई की
फिल्मी नगरी की चकाचांध को भी इन्होने नजदीकी से देखा और फिल्मो के लिए पटकथाएं
लिखी। संवाद-लेखन में भी कमलेश्वर जी को पर्याप्त सफलता मिली। दिल्ली दूरदर्शन के
महानिदेशक पद पर रह चुके आपने दृश्य-श्रव्य माध्यमों को काफी प्रोत्साहित किया।
दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया इनका धारावाहिक ‘परिक्रमा’ काफी चर्चित रहा। सघः प्रकाशित ‘बंधक लोकतंत्र’ उनकी समसामयिक जागरुकता को उजागर करता आलेख-संग्रह है। संवेदनशील
साहित्यकार कमलेश्वर की कहानियों में कस्बों, शहरों, महानगरों की जीवन-पद्धति का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। ‘दैनिक भास्कर’ समाचार पत्र से जुड़े कमलेश्वर हमेशा चर्चा में
रहते हैं। कमलेश्वर ने अपने 75
साल के जीवन में 12 उपन्यास, 17 कहानी संग्रह और क़रीब 100 फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं। 27 जनवरी 2007 को उनका निधन हो गया।
फ़िल्म पटकथा एवं संवाद
कमलेश्वर ने 99 फ़िल्मों के संवाद, कहानी या पटकथा लेखन का काम किया। कुछ प्रसिद्ध फ़िल्मों के नाम हैं-
- सौतन की बेटी(1989)-संवाद
- लैला(1984)-
संवाद, पटकथा
- यह देश (1984)
-संवाद
- रंग बिरंगी(1983)
-कहानी
- सौतन(1983)-
संवाद
- साजन की सहेली(1981)-
संवाद, पटकथा
- राम बलराम (1980)-
संवाद, पटकथा
- मौसम(1975)-
कहानी
- आंधी (1975)-
उपन्यास
साहित्यिक-कृतियां : कमलेश्वर की साहित्यिक कृतियां निम्न हैं-
कहानी-संग्रह
|
राजा निरबंसिया, कसवे
का आदमी, खोई हुई दिशाएं, मांस का दरिया, श्रेष्ठ कहानियाँ आदि।
|
नाटक
|
चारूलता, अधूरी
आवाज आदि।
|
उपन्यास
|
कितने पाकिस्तान, काली आंधी, समुद्र
में खोया हुआ आदमी, वही बात, एक सड़क सत्तावन गलियां, सुबह-दोपहर-शाम, डाक बंगला।
|
यात्रा-विवरण
|
यात्रावृन्त, संस्मरण
एवं दैनिक घटनाक्रमो को लेकर छपे आलेखों की लम्बी सूची है।
|
COMMENTS