माँ की दुआ Mother's Day hindi Poem
मेरे सर पर भी माँ की दुआओं का साया होगा
इसलिए समन्दर ने मुझे डूबने से बचाया होगा
माँ की आगोश में लौट आया है वो बेटा फिर से
शायद इस दुनिया ने उसे बहुत सताया होगा
अब उसकी मोहब्बत की कोई क्या मिसाल दे
पेट अपना काट जब बच्चों को खिलाया होगा
की थी सकावत उमर भर जिसने उन के लिए
क्या हाल हुआ जब हाथ में कजा आया होगा
कैसे जन्नत मिलेगी उस औलाद को जिस ने
उस माँ से पैहले बीवी का फ़र्ज़ निभाया होगा
और माँ के सजदे को कोई शिर्क ना कह दे
इसलिए उन पैरों में एक स्वर्ग बनाया होगा
मुन्नवर राणा की माँ पर कविता
WAH...
ReplyDeleteBAHUT HI ACHI KAVITA...