एक आदमी ने गधे के मालिक से एक दिन के लिए गधा किराए पर लिया। उसने गधे के मालिक को किराए के बदले दो सोने के सिक्के दे दिए।
उस दिन सूरज अपने जोर पर था और बहुत गर्मी पड़ रही थी। दोनों ही आदमी गधे की छांव में खड़े होना चाहते थे जिससे उन्हें ठंडक मिल सके। .लेकिन वहां सिर्फ एक आदमी के खड़े होने की हे जगह थी।
"यहाँ से चले जाओ ,"उस आदमी ने कहा जिसने गधे को किराये पर लिया था। "आज के लिए गधे को मैंने किराए पर लिया है इसलिए उसकी परछाई भी मेरी है। "
गधे के मालिक ने कहा ,"तुमने गधे को किराए पर लिया है उसकी परछाई को नहीं।" इसलिए परछाई मेरी है।
इस प्रकार उन बीच बहस बढ़ती चली गई। बात इस हद तक बढ़ गई की उनके बीच अब हाथापाई की नौबत आ गई। इसी बीच गधे के मालिक ने दुसरे गधे पर दे मारा। गधा डरकर भाग गया और साथ में उसकी परछाई भी चली गई। दोनों आदमी देखते रह गए।
उस दिन सूरज अपने जोर पर था और बहुत गर्मी पड़ रही थी। दोनों ही आदमी गधे की छांव में खड़े होना चाहते थे जिससे उन्हें ठंडक मिल सके। .लेकिन वहां सिर्फ एक आदमी के खड़े होने की हे जगह थी।
"यहाँ से चले जाओ ,"उस आदमी ने कहा जिसने गधे को किराये पर लिया था। "आज के लिए गधे को मैंने किराए पर लिया है इसलिए उसकी परछाई भी मेरी है। "
गधे के मालिक ने कहा ,"तुमने गधे को किराए पर लिया है उसकी परछाई को नहीं।" इसलिए परछाई मेरी है।
इस प्रकार उन बीच बहस बढ़ती चली गई। बात इस हद तक बढ़ गई की उनके बीच अब हाथापाई की नौबत आ गई। इसी बीच गधे के मालिक ने दुसरे गधे पर दे मारा। गधा डरकर भाग गया और साथ में उसकी परछाई भी चली गई। दोनों आदमी देखते रह गए।
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