10 Lines on Subhadra Kumari Chauhan in Hindi: यह निबंध १० लाइन में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्यिक योगदा
10 Lines on Subhadra Kumari Chauhan in Hindi: यह निबंध १० लाइन में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालता है। इसमें उनकी रचनाओं, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और भारतीय साहित्य में उनके स्थान के बारे में विस्तार से बताया गया है।
10 Lines on Subhadra Kumari Chauhan in Hindi - सुभद्रा कुमारी चौहान पर १० लाइन हिंदी में
- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद के निहालपुर गाँव में हुआ था।
- सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था।
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई में अपना योगदान दिया।
- उनकी कविताओं ने लोगों को देशभक्ति की भावना से प्रेरित किया।
- सुभद्रा कुमारी चौहान और महादेवी वर्मा दोनों बचपन की सहेलियाँ थीं।
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी पहली कविता 'नीम' 9 साल की उम्र में लिखी थी।
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने लगभग 88 कविताओं और 46 कहानियों की रचना की।
- सुभद्रा कुमारी चौहान की सबसे प्रसिद्ध "झांसी की रानी" कविता है।
- इस कविता में उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को अमर कर दिया है।
- उनकी रचनाएं भारतीय साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
- 1921 में उन्होंने अपने पति के साथ महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया।
- भारत सरकार ने उनके सम्मान में 6 अगस्त 1976 को 25 पैसे का डाक-टिकट जारी किया ।
- १५ फरवरी १९४८ को एक कार दुर्घटना में उनका आकस्मिक निधन हो गया था।
- सुभद्रा कुमारी चौहान ने हिंदी साहित्य में एक नया आयाम स्थापित किया।
- वे हमेशा हिंदी साहित्य की एक शानदार कवयित्री के रूप में याद की जाएंगी।
निष्कर्ष: सुभद्रा कुमारी चौहान सिर्फ एक कवयित्री नहीं थीं, बल्कि वे एक क्रांतिकारी और देशभक्त भी थीं। उनकी रचनाओं ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज भी उनकी कविताएं युवाओं को देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरित करती हैं।
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