जब मैंने ऊंट की सवारी की निबंध: मैंने अपने जीवन में कार, मोटरसाइकिल, बस और यहाँ तक कि हवाई जहाज में भी यात्रा की है। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि म
जब मैंने ऊंट की सवारी की निबंध / रचनात्मक लेखन
मैंने अपने जीवन में कार, मोटरसाइकिल, बस और यहाँ तक कि हवाई जहाज में भी यात्रा की है। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऊंट की सवारी करने का भी मौका मिलेगा। ऊंट की सवारी का अनुभव मेरे लिए बिलकुल ही अनोखा और रोमांचक था।
पिछले साल, मेरे परिवार ने जैसलमेर घूमने का प्लान बनाया था। जैसलमेर पहुंचते ही रेगिस्तान में घूमते ऊंटों को देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया। उनकी विशाल कद-काठी और शांत चाल ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया। मैंने देखा कि ऊंटों की पीठ के ऊपर रंगीन काठी बिछी हुई थी। मैंने तुरंत ही ऊंट की सवारी करने का फैसला कर लिया।
अगले दिन, हम रेगिस्तान में ऊंट की सवारी करने गए। जब मैं पहली बार ऊंट पर बैठा, तो मुझे थोड़ा डर लगा। लेकिन जल्द ही मैं ऊंट की गति और लय का आनंद लेने लगा। ऊंट की सवारी घोड़े की सवारी से बिलकुल अलग थी। ऊंट धीरे-धीरे चलते हैं, लेकिन उनकी चाल में एक अनोखी लय होती है। मैं रेगिस्तान के विशाल विस्तार में खो गया, जहाँ तक नजर जाती थी, सिर्फ रेत के टीले ही टीले नजर आते थे।
रेगिस्तान की विशालता को ऊंट की पीठ से निहारना एक ऐसा अनुभव था, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। जैसे-जैसे हम रेगिस्तान में आगे बढ़े, रेत के टीले लहरते हुए नजर आए, कभी-कभार कोई सूखा हुआ कांटेदार पौधा भी दिख जाता। इतने विशाल और शांत वातावरण में सूरज की तपिश भी अलग ही अनुभव कराती है।
शाम होते-होते, हम एक छोटे से रेगिस्तानी गांव में पहुंच गए। गांव के लोग बहुत मिलनसार थे और उन्होंने हमें अपने घरों में ठहरने के लिए आमंत्रित किया। हमने उनके साथ रात बिताई, लोकगीतों और कहानियों का आनंद लिया। अगले दिन, हमने रेगिस्तान में सूर्योदय देखा। यह एक अद्भुत दृश्य था। पूरा रेगिस्तान सुनहरे रंग में जगमगा रहा था, और आकाश लाल, नारंगी और पीले रंगों से भरा हुआ था। रास्ते में, हमने कुछ खानाबदोशों के डेरे भी देखे।
ऊंट की सवारी सिर्फ एक रोमांचक अनुभव ही नहीं था, बल्कि यह इतिहास से जुड़ने का एक खास लम्हा भी था। हज़ारों सालों से राजस्थान के लोगों के लिए ऊंट परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है। रेगिस्तान के कठिन रास्तों पर ऊंट ही एकमात्र सहारा होता था। ऊंट की सवारी करते हुए, मैं उन व्यापारियों और यात्रियों की कल्पना कर रहा था, जिन्होंने सदियों पहले इसी रेगिस्तान का सफर तय किया होगा।
ऊंट की सवारी का यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय रहा। इसने मुझे रेगिस्तान के कठिन जीवन और सुंदरता का एहसास दिलाया। मैंने सीखा कि जीवन में छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेना चाहिए, और हर पल को जी भरकर जीना चाहिए।
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