देश में बढ़ रही कन्या-भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र: सेवा में, संपादक महोदय, आपके प्रतिष्ठित समाचा
देश में बढ़ रही कन्या-भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को पत्र
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली।
कन्या-भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के सन्दर्भ में।
संपादक महोदय,
आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से मैं देश में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या की प्रवृत्ति की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहती हूं। आज के आधुनिक युग में भी, यह घिनौना अपराध समाज में व्याप्त है। अनेक लोग गर्भ में ही लिंग परीक्षण करवाकर कन्या भ्रूण होने की स्थिति में उसे मार डालते हैं। यह एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक स्थिति है।
यह केवल गरीब या निर्धन एवं अशिक्षित लोगों की ही समस्या नहीं है, बल्कि समाज का पढ़ा लिखा एवं धनी तबका भी इसमें बराबरी की हिस्सेदारी करता है। समाज का यह दृष्टिकोण अत्यन्त रूढ़िवादी एवं पिछड़ा है, जिसे किसी भी स्थिति में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए।
कन्या भ्रूण हत्या के कई कारण हैं, जैसे कि दहेज प्रथा, लिंग आधारित भेदभाव, और पुत्र की इच्छा। इन सभी कारणों को समाज से पूरी तरह से मिटाना होगा।
यह समाज के बौद्धिक एवं तार्किक लोगों का कर्त्तव्य है कि वे सरकार एवं प्रशासन के साथ मिलकर कन्या भ्रूण हत्या को अन्जाम देने वाले या उसका समर्थन करने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें। इसके साथ ही, समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए।
यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी आने वाली पीढ़ी में लिंग समानता स्थापित हो और कन्या भ्रूण हत्या जैसी प्रथाएं समाप्त हो जाएं।
धन्यवाद।
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