अल नीनो एवं ला नीना के प्रभाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए: अल नीनो एवं ला नीना जटिल मौसम परिघटनाएं हैं जो विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में समुद्र
अल नीनो एवं ला नीना के प्रभाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अल नीनो: अल नीनो एवं ला नीना जटिल मौसम परिघटनाएं हैं जो विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में समुद्र के तापमान में भिन्नता के कारण घटित होती हैं। अल नीनो एक जटिल मौसमी घटना है। इसका संबंध पूर्वी प्रशांत महासागरीय जल के तापमान में वृद्धि तथा ला नीना का संबंध पश्चिमी प्रशांत महासागर के उष्मन से है।
अल नीनो प्रति पाँच या दस वर्ष बाद प्रकट होता रहता है। इसके कारण संसार के विभिन्न भागों में सूखा, बाढ़ और मौसम की चरम अवस्थाएं आती हैं। जिस वर्ष अल नीनो प्रबल होती है उस वर्ष पूर्वी प्रशांत महासागर के पूर्वी उष्णकटिबंधीय भाग में जलवृष्टि में चार से छः गुना वृद्धि हो जाती है जबकि पश्चिमी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिससे इण्डोनेशिया, भारत, बांग्लादेश सूखे की चपेट में आ जाते हैं।
ला निना: ला नीना भी एक प्रतिसागरीय धारा है। इसका आविर्भाव पश्चिमी प्रशांत महासागर में उस समय होता है जब पूर्वी प्रशांत महासागर में अल नीनो का प्रभाव समाप्त हो जाता है। ला नीना के प्रकट होने से पश्चिमी प्रशांत महासागर के उष्णकटिबंधीय भाग में तापमान में वृद्धि होने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है, ला नीना से इन्डोनेशिया, भारत एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है।
अल निना एवं ला नीना अल नीनो- दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र की विपरीत अवस्थाएं हैं। अल नीनो दक्षिणी दोलन की 'उष्ण अवस्था' है जबकि ला नीना ENSO की शीत अवस्था है। अल नीनो की घटना प्रायः 1 वर्ष तक रहती है जबकि ला नीना की घटनाएं एक से तीन वर्ष तक बनी रह सकती है।
अल नीनो और ला नीना के प्रभाव
अल नीनो | ला नीना |
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पेरु तट के तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि | आर्द्र मौसम की उत्पत्ति |
सागरीय जल के तापमान में वृद्धि | पश्चिमी प्रशांत |
पेरु तट पर सामान्य से अधिक वर्षा | महासागरीय क्षेत्र के तापमान में वृद्धि |
अतिवृष्टि से सागरीय जीवों का विनाश | वाष्पन की दर में वृद्धि |
मत्स्य उद्योग को क्षति | भारत सहित दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में वर्षा की मात्रा में वृद्धि |
पश्चिमी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में सूखे का प्रभाव | भारतीय मानसून की सक्रियता |
भारतीय मानसून प्रभावित |
अल नीनो एवं ला नीना मौसमी परिघटनाएं अलनीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) की क्रमशः उष्ण एवं शीतल घटनाएं हैं जो भारतीय मानसून को प्रभावित करती हैं।
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