भारतीय अर्थव्यवस्था पर मानसूनी वर्षा के प्रभावों का वर्णन कीजिए: भारतीय अर्थव्यवस्था पर मानसूनी वर्षा का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। मानसून वर्षा भारत
भारतीय अर्थव्यवस्था पर मानसूनी वर्षा के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर मानसूनी वर्षा का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। मानसून वर्षा भारत की अधिकांश वर्षा प्रदान करती है, और यह देश के कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर मानसूनी वर्षा के निम्नलिखित प्रभाव हैं-
(1) शीतकाल में भी भारत का तापमान बहुत नीचे नहीं गिरता वरन् प्रत्येक भाग में यथेष्ट गर्मी रहती है। इस कारण कृषि कार्यों के लिए अधिक समय मिलता है। शीत ऋतु में अत्यन्त सीमित भागों में ही पाला और कोहरा पड़ता है। अतः भारत में इस काल में शीतोष्ण कटिबन्ध की फसलें पैदा की जा सकती हैं और गर्मियों में उष्ण कटिबन्ध तथा अर्द्ध-उष्ण कटिबन्ध की फसलें ।
(2) जून, जुलाई और अगस्त के ग्रीष्मकाल के महीनों में ही अधिकांश वर्षा होती है। इससे सभी फसलें शीघ्र ही तैयार हो जाती हैं एवं पशुओं को यथेष्ट चारा भी मिल जाता है।
(3) भीषण गर्मी के उपरान्त वर्षा आने से अनेक व्याधियाँ और रोग उत्पन्न हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ भागों में मलेरिया, आन्त्र शोध आदि का भीषण प्रकोप होता है। इसमें जनसंख्या की कार्यक्षमता प्रतिकूल रूप में प्रभावित होती है। इसी प्रकार वर्षा - काल तथा ग्रीष्म के आरम्भ में अनेक रोगों के कारण बच्चों की मृत्यु-दर भी ऊँची रहती है।
(4) मानसूनी जलवायु में मिलने वाली क्षेत्रीय विविधता भारत में अनेक प्रकार की कृषि फसलों को उगाने के लिए उपयुक्त है।
(5) वर्षा की परिवर्तनशीलता से देश के कुछ भागों में सूखा पड़ता है या बाढ़ें आती हैं। मानसून का अचानक प्रस्फोट प्रभावित क्षेत्र में मृदा अपरदन की समस्या उत्पन्न कर देता है।
(6) उत्तरी भारत में शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों से होने वाली शीतकालीन वर्षा रबी की फसलों के लिये लाभकारी होती है ।
मानसूनी वर्षा के नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित हैं:
बाढ़ और सूखे का खतरा: मानसून वर्षा बाढ़ और सूखे का कारण बन सकती है। बाढ़ और सूखे से जनहानि और संपत्ति का नुकसान हो सकता है।
खाद्य कीमतों में वृद्धि: मानसून वर्षा की कमी से खाद्य कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
आर्थिक विकास में बाधा: मानसून वर्षा की कमी से आर्थिक विकास में बाधा आ सकती है।
कुल मिलाकर, मानसूनी वर्षा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। मानसून वर्षा की मात्रा और समय पर भारतीय अर्थव्यवस्था का सीधा प्रभाव पड़ता है।
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