पद्धति और यंत्र में अंतर: पद्धति और यंत्र दो अलग-अलग संकल्पनाएं हैं। पद्धति, अध्ययन-वस्तु का ज्ञान प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले निश्चित
पद्धति और यंत्र में अंतर - Paddhati aur Yantra mein Antar
पद्धति और यंत्र में अंतर: पद्धति और यंत्र दो अलग-अलग संकल्पनाएं हैं। पद्धति, अध्ययन-वस्तु का ज्ञान प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले निश्चित तरीकों को कहते हैं। वहीं, यंत्र का संबंध केवल आंकड़ों के संकलन के उपकरण से है। पद्धति, अनुसंधान को दृष्टिकोण प्रदान करती है और अनुसंधान के सभी चरणों में सहायक होती है। जबकि यंत्र का संबंध केवल सामग्री और सूचकांकों को एकत्रित करने से ही होता है।
पद्धति और यंत्र में अंतर
पद्धति | यंत्र |
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पद्धति किसी वस्तु का क्रमबद्ध अध्ययन करने वाले उपकरण को कहते हैं। | यंत्र विषय-वस्तु से संबंधित समंकों (आँकड़ों) को एकत्रित और व्यवस्थित करने की एक प्रणाली है। |
पद्धति का उद्देश्य सामान्य नियमों का निर्माण करना है। | यंत्र का उद्देश्य तथ्यों का संकलन करके सामान्य नियमों के निर्माण में सहायता देना है। |
पद्धतियों का प्रयोग सभी विज्ञानों में समान रूप से किया जाता है। | यंत्र का प्रयोग सभी विज्ञानों में नहीं किया जा सकता। |
पद्धतियाँ सभी विज्ञानों में एक हो सकती हैं, अर्थात् सभी विज्ञानों में आगमन, निगमन, ऐतिहासिक तथा तुलनात्मक आदि पद्धतियों का प्रयोग किया जा सकता है। | सभी विज्ञानों में प्रयोग किए जाने वाले यंत्र समान नहीं होते, अर्थात् ऐतिहासिक सामग्री का अध्ययन, व्यक्तिगत अध्ययन, डाक प्रणाली आदि यंत्रों का प्रयोग सभी विज्ञानों में संभव नहीं है। |
वैज्ञानिक पद्धतियाँ सार्वभौमिक होती हैं और साथ ही साथ सुनिश्चित भी होती हैं। | यंत्र न तो सार्वभौमिक होते हैं और न ही सुनिश्चित होते हैं। |
पद्धति का संबंध ज्ञान की प्रकृति से होता है। | यंत्र का संबंध परिस्थितियों से होता है। |
पद्धति में सामान्यतः किसी प्रकार का कोई संशोधन और परिवर्तन नहीं होता है। | यंत्र में परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन हो सकता है। |
पद्धति के प्रयोग करने से नए-नए यंत्रों का विकास होता है इसलिए कहा जाता है कि पद्धति, यंत्र को जन्म देती है। | यंत्र स्वयं पद्धति से प्रभावित होता है। इसलिए यंत्र, पद्धति को जन्म नहीं देता । |
समाजशास्त्र में प्रयुक्त पद्धति के अंतर्गत आगमन, निगमन, ऐतिहासिक, तुलनात्मक तथा संरचनात्मक आदि को सम्मिलित किया जाता है। | समाजशास्त्र में प्रयुक्त यंत्रों में निरीक्षण, व्यक्तिगत अध्ययन, डाक द्वारा प्रेषित प्रश्नावली, साक्षात्कार तथा अनुसूची आदि को सम्मिलित किया जाता है। |
पद्धति का संबंध शोध कार्य की सम्पूर्ण प्रक्रिया से होता है। इसलिए उसका क्षेत्र अत्यंत विस्तृत होता है। | यंत्र का संबंध केवल सामग्री और सूचकांकों को एकत्रित करने से ही होता है। इसलिए यंत्र का क्षेत्र अत्यंत सीमित होता है। |
पद्धति के द्वारा यह निश्चित किया जाता है कि कोई ज्ञान कला है अथवा विज्ञान। | यंत्र के द्वारा किसी ज्ञान की वैज्ञानिकता को प्रमाणित नहीं किया जाता है। |
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