लाल मिट्टी एवं लेटराइट मिट्टी में अंतर स्पष्ट कीजिए: लाल मिट्टी का निर्माण जलवायु परिवर्तनों के परिणामस्वरुप रवेदार एवं कायांतरित शैलों के विघटन एवं व
लाल मिट्टी एवं लेटराइट मिट्टी में अंतर स्पष्ट कीजिए (Lal Mitti aur Laterite Mitti mein Antar Spasht kijiye)
लाल मिट्टी: लाल मिट्टी का निर्माण जलवायु परिवर्तनों के परिणामस्वरुप रवेदार एवं कायांतरित शैलों के विघटन एवं वियोजन से होता है। लाल मिट्टी में सामान्यतः नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी होती है।
लैटेराइट मिट्टी: शुष्क तथा आर्द्र मौसम के बारी-बारी से आने के कारण लेटराइट मिट्टी का निर्माण होता है।लैटेराइट मिट्टी लाल से पीले रंग की होती है। यह मिट्टी आयरन ऑक्साइड और पोटाश से भरपूर है। भारत में लैटेराइट मिट्टी मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, और ओडिशा राज्यों में पाई जाती है।
लाल मिट्टी एवं लेटराइट मिट्टी में अंतर
लाल मिट्टी | लेटराइट मिट्टी |
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लाल मिट्टी का निर्माण जलवायु परिवर्तनों के परिणामस्वरुप रवेदार एवं कायांतरित शैलों के विघटन एवं वियोजन से होता है। | शुष्क तथा आर्द्र मौसम के बारी-बारी से आने के कारण लेटराइट मिट्टी का निर्माण होता है। |
लाल मिट्टी कम बारिश वाले इलाकों में क्रिस्टलीय आग्नेय चट्टानों पर विकसित होती है। | लेटराइट मिट्टी 200 सेमी से अधिक वर्षा और तेज़ गर्मी वाले क्षेत्रों में विकसित होती है। |
फेरिक ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इसका रंग लाल होता है लेकिन जल्योजित रूप में यह पीली दिखाई देती है। | लौह ऑक्साइड और लाल रेत-पत्थरों की अधिक बजरी के कारण लेटराइट मिट्टी का रंग लाल होता है। |
इसमें सामान्यतः नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और ह्यूमस की कमी होती है। | लैटेराईट मिट्टी में जैव पदार्थ, नाइट्रोजन, फॉस्फेट और कैल्शियम की कमी होती है। |
लाल मिट्टी अत्यन्त रन्ध्रयुक्त होती है। इस मिट्टी में बाजरा की फसल अच्छी पैदा होती है, किन्तु गहरे लाल रंग की मिट्टी कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, के लिए उपयुक्त है। | लैटेराइट मिट्टी अनुर्वर होती है। परन्तु उर्वरकों की सहायता से इस मिट्टी में चावल, गन्ना, काजू, चाय, कहवा, रबड़ आदि की फसलें उगायी जाती हैं। |
भारत में यह मिट्टी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड से लेकर दक्षिण के प्रायद्वीप तक पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिमी बंगाल, मेघालय, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में मिलती है। | लैटेराईट मिट्टी सामान्यतः कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश तथा ओडिशा और असाम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। |
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