बढ़ती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए- महोदय, मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। मैं अपने देश
बढ़ती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए समाचार पत्र के संपादक को पत्र
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
11/116, आनंद विहार
दिल्ली
विषय- बढ़ती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए संपादक को पत्र
महोदय,
मेरा नाम राजीव वर्मा है। मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र का नियमित पाठक हूँ। मैं अपने देश में बढ़ती महंगाई पर अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। पिछले कुछ महीनों से महंगाई लगातार बढ़ रही है और इसका लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जिससे लोगों के लिए गुज़ारा करना मुश्किल हो गया है। बढ़ती महंगाई का असर कारोबार पर भी पड़ रहा है, क्योंकि वे बढ़ती लागत को झेल नहीं पा रहे हैं। इससे नौकरी का नुकसान हो रहा है और आर्थिक गतिविधियों में कमी आ रही है। सरकार को इस मुद्दे को हल करने और मुद्रास्फीति की दर को कम करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपाय करें और यह सुनिश्चित करें कि हमारे देश के लोग इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हों।
भवदीय,
राजीव वर्मा
बढ़ती महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए समाचार पत्र के संपादक को पत्र
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक जागरण
एफ- 62-63, सेक्टर-62
गौतम बुद्ध नगर (उ.प्र.)
विषय - बढ़ती हुई मंहगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए संपादक को पत्र
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से मैं सरकार का ध्यान निरंतर बढ़ती महँगाई से उत्पन्न लोगों की परेशानियों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
अगस्त महीने से फल एवं सब्जियों के दामों में जो वृद्धि शुरू हुई, वह रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। दालों के दाम पहले से ही आकाश छू रहे हैं। आटा, चीनी, चावल, मसाले सभी के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इस महँगाई की सबसे अधिक मार जनता को झेलनी पड़ रही है, जिससे उसकी कमर टूट रही है। इस वर्ग के लिए दाल-रोटी मिलना भी मुश्किल होता जा रहा है। रही-सही कसर जमाखोर पूरी कर रहे हैं। सरकार भी उदासीन रवैया अपनाए हुए है।
आपसे प्रार्थना है कि इसे आप अपने समाचार-पत्र में छापने की कृपा करें, ताकि सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट हो तथा वह महँगाई रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
धन्यवाद
भवदीय
सगुन शर्मा
बढ़ती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक समाचार पत्र,
स्वरुप नगर,
कानपुर।
विषय- बढ़ती हुई मंहगाई पर चिंता जताते हुए संपादक को पत्र।
मान्यवर,
मेरा नाम रंजन वर्मा है, मैं कानपुर शहर के हर्षनगर का निवासी हूं। इस पत्र के माध्यम से मैं सरकार का ध्यान दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई मंहगाई की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। आज महगांई इतनी बढ़ चुकी है कि आम आदमी का जीना मुश्किल हो चुका है। हम मध्यमवर्गीय लोग होने के कारण इतनी महंगाई का सामना नहीं कर सकते। आलू प्याज के भाव आसमान को छू रहे हैं। सामान्य जीवनयापन की वस्तुओं, खाद्यान्नों व अन्य उपभोगी वस्तुओं के मूल्यों में भारी वृद्धि समस्त स्तर के परिवारों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
इसके अतिरिक्त, समाज में रोजगार तथा आय के स्रोत में भी किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की जा रही है। सरकार की ओर से महगांई पर लगाम कसने के लिए प्रयास भी नहीं किए जा रहे है। ऐसे में मध्य एवम् निम्न वर्ग का व्यक्ति महगांई के बोझ तले दबता जा रहा है। प्रत्येक मनुष्य के जीवनयापन के लिए आवश्यक मूल तत्व – रोटी, कपड़ा और मकान है। इसमें भी परम आवश्यक रोटी है।
लेकिन आज महगांई के कारण सरकार ने आम जनता को रोटी खाने के मामले में भी सोचने पर विवश कर दिया है। दाल, मसालों, आटा, चीनी आदि के दाम आसमान छू रहे है। कुछ ही दिनों में इन वस्तुओं के दाम पहले के दामों से तिगुने दाम पर पहुंच गए गए हैं।
दूसरी ओर, पेट्रोल-डीजल के दाम पर भी आसमान छू रहे ह। 90-100 के बीच में पहुंचे पेट्रोल, डीजल के दामों ने जनता का हाल-बेहाल कर दिया हैं। सरकार की ओर से बढ़ती महगांई की ओर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है। जो कि बेहद चिंता का विषय है।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप इस विषय को अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में छापकर सरकार का ध्यान महगांई की ओर आकर्षित करें। अन्यथा यह बढ़ती महगांई जनता के अनहित का कारण बन जाएगी।
सधन्यवाद।
प्रार्थी,
रंजन वर्मा,
समाज सेवी,
11/22, हर्षनगर
कानपुर।
दिनांक…..
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