मालती जोशी का जीवन एवं साहित्य परिचय Malti Joshi Biography in Hindi
मालती जोशी देश की स्वतंत्रता के बाद की अग्रणी कहानीकार है। इन्होंने अपनी सूक्ष्म दृष्टि से जीवन और जगत् की अनुभूतियों को प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया है। इनका जन्म औरंगाबाद में 4 जून, सन् 1934 ईस्वी की महाराष्ट्रीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनको पिता श्री कृष्ण राव और माता श्रीमती सरला से अच्छे संस्कार मिले हैं। इन्होने आगरा से हिंदी में एम.ए. की परीक्षा पास की है, इनके पति श्री सोमनाथ जोशी भोपाल में इंजीनियर थे। इनके दो पुत्र है। सहित्यकार माँ के दोनों पुत्र कालाकार हैं।
मालती जी सुप्रसिद्ध लेखिका होने के साथ-साथ एक सफल गृहिणी भी है। इनके साहित्य में जवान होती बेटी की पिता महंगाई दहेज समस्या आदि का प्रायः उल्लेख दिखाई देता है। ये स्वभाव से विनोद प्रिय है। बहुमुखी प्रतिभा की स्वामिनी मालती जी कवयित्री होने के साथ-साथ बाल कहानीकार व्यंग्यकार, रेडियो-नाटककार और कुशल अनुवादिका भी है। इन्होंने साहित्य क्षेत्र में प्रवेश गीतों के माध्यम से किया था। यह विद्यार्थी काल से ही कविताएं लिखा करती थी। मराठी भाषी परिवार की हिंदी कवयित्री आगे चलकर हिंदी कथाकार के रूप में प्रतिष्ठित हुई। उन्होंने स्वयं लिखा है, ‘‘मैं किशोर वयस् से गीत लिखा करती थी पर बाद में लगा अपनी भावनाओं को सही अभिव्यक्ति देने के लिए कविता का कनै वास बहुत छोटा है। कविता की धारा सूख गई और कहानी का जन्म हुआ है। इनकी पहली कहानी सन् 1971 ईस्वी में ‘धर्म युग’ में प्रकाशित हुई। यह अत्यंत संवेदनशील और सहज हैं। इन्हें गीत-संगीत से बेहद लगाव है।
कृतित्वः
(क) उपन्यास - राग-विराग, सहचारिणी, ज्वालामुखी के गर्भ में, पाषण युग, निष्कासन, पटाक्षेप, गोपनीय, ऋणानुबंध, चांद अमावास का, समर्पण का सुख, शोभा यात्रा आदि।
(ख) कहानी संग्रह - मध्यांतर मन न भये दस-बीस, एक घर सपनों का, मोरी रंग दी चुनरिया, बोल री कठपुतली, अन्तिम आक्षेप एक सार्थक दिन, महकते रिश्ते, शापित, शैशव, हालें स्ट्रीट, बाबुल का घर आदि।
(ग) बाल-साहित्य - दादी की घड़ी, रिश्वत एक प्यासी सी दिल्ली, रंग बदलते खरबूजे, बेचैन, एक कर्जः एक अदायगी, बड़े आदमी, और वह खुश था, जीने की राह आदि।
(घ) मराठी कथा-संग्रह - पाषण युग (लघु उपन्यास), एक और देवदास, टूटने से जुड़ने तक, कुहासे (कहानियाँ) आदि।
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