भारत की राजधानी दिल्ली पर निबंध : दिल्ली वास्तव में भारत का ही दिल ही है। इस नगर की य़श गाथा कहने में न जाने कितने साहित्यकारों की लेखनी चली। इस पर विजय प्राप्त करने के लिए न जाने कितने योद्धाओ ने तलवारें खींचीं। इस पर कब्जा करने के लिए न जाने कितने विदेशियों की आँखें ललचायी।
दिल्ली वास्तव में भारत का ही दिल ही है। इस नगर की य़श गाथा
कहने में न जाने कितने साहित्यकारों की लेखनी चली। इस पर विजय प्राप्त करने के लिए
न जाने कितने योद्धाओ ने तलवारें खींचीं। इस पर कब्जा करने के लिए न जाने कितने
विदेशियों की आँखें ललचायी। सचमुच दिल्ली में एक अनुठा आकर्षण है।
दिल्ली है दिल हिदुस्तान का।
ये तो तीरथ सारे जहान का।
दिल्ली का प्राचीनतम नाम इंद्रप्रस्थ है। इस नगर का निर्माण
पाडुपुत्र युधिष्ठिर ने करवाया था। राजा अनंगपाल के समय मे इस नगर का नाम लोल कोट
तथआ पृथ्वीराज चौहान के काल में राय पिथौरागढ़ था। दिल्ली के धुनिक स्वरूप का
परिवर्तन इसी काल में हुआ। देशद्रोही जयचंद के कारण पऋथ्वीराज चौहान का साम्राज्य
समाप्त हुआ और मुगल साम्राज्य का प्रारंभ हुआ।
मुसलमानों के काल से इस नगर में नए अध्याय का आरंभ हुआ। मुगल
सम्राटों ने इस नगर को सजाया-सँवारा। जब अँगरेज भारत मेंआए तो वह भी दिल्ली से
आकर्त हुए और कलकत्ते का मोह छोड़कर दिल्ली की ओर मुड़े और नई दिल्ली का निर्माण
किया।
दिल्ली के दर्शनीय स्थलों को तीन वर्गों में रखा जा सकता है।
प्राचीन मध्यकालीन तथा आधुनिक। प्राचीन स्थलों में हिंदू काल में बनवाए हुए
ऐतिहासिक स्थल आते हैं। इनमें पुराना किला अशोक की लाट अशोक स्तंब आदि प्रमुख हैं।
णध्यकाल के भवनों तथा स्थलों में कुतुब मीनार कोटला फिरोजशाह जामा मस्जिद लाल किला
लोदी का मकबरा हजरत निमुद्दीन की दरगाह हुमायूँ का मकबरा जंतर-मंतर आदि प्रसिद्ध
हैं। दिल्ली के आधुनिक दर्शनीय स्थलों में राष्ट्रपति भवन संसद भवन सचिवालय इंडिया
गेट अशोक ओवेराय कांटिनेंटल सम्राट कनिष्क मौ4य शेरेटन होटल विज्ञान भवन बिड़ला
मंदिर चिड़ियाघर आदि मुख्य हैं।
नवंबर-दिसंबर 1982 को दिल्ली में एशियाई खेलों का भव्य आयोजन
हुआ। इसके कुछ माह बाद सातवाँ निर्गुट सम्मेलन हुआ। उसमें 100 (सौ) से अधिक
राष्टाध्यक्षों ने भाग लिया। आज नई दिल्ली विश्व के पर्यटकों के लिए आकर्षण का
केंद्र है। दिल्ली में लगभग सौ छविगृह हैं इनमें कुछ तो एशिया में सुंदरतम
छविगृहों में माने जाते हैं।
दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय नेहरू विश्वविद्यालय जामिया
मिल्लिया – ये तीन विश्विद्यालय हैं। देहली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मौलाना आजाद
मेडिकल कॉलेज आदि भी यहाँ स्थित है। नगर भौगोलक दृष्टि से निरंतर विस्तार कर रहा
है। जो यहाँ एक बार आ जाता है यहाँ से जाने का नाम नहीं लेता। इसीलिए लोग कहते
हैं।
दिल्ली दिल वालों की मुम्बई पैसे वालो की
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