खेलों का महत्व पर अनुच्छेद लेखन
जैसा तन वैसा मन यह कहावत जानते तो सभी हैं परन्तु जो इसका पालन करते हैं वे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देते हैं। खेलों का महत्त्व और उपयोगिता आधुनिक जीवन में और भी अधिक बढ़ गयी है। स्कूलों तथा कॉलेजों में भी अब खेलों पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है। खेल कई प्रकार के होते हैं। कुछ खेल घर में भी खेले जा सकते हैं तो कुछ ऐसे हैं जिनको खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है। वैसे छात्रों के लिए तो मैदान में खेले जा सकने वाले खेल ही अधिक लाभदायक होते हैं। कबड्डी, हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, खो-खो, बॉस्केटबॉल आदि ऐसे ही खेल हैं। इन्हे खेलने से मनोरंजन भी होता है और साथ ही साथ व्यायाम भी। खेल हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने के साथ-साथ हमारे भीतर कई अच्छे और आवश्यक गुणों का विकास भी करते हैं।खेलों से प्रतियोगिता की तथा संघर्ष की भावना सहज ही सीखी जा सकती है। सामूहिक जिम्मेदारी, सहयोग और अनुशासन की भावना का कोषागार खेलों में ही छिपा है। जो देश खेलों में अव्वल आते हैं वे विकास की दौड़ में भी अग्रणी रहते हैं। ओलम्पिक तथा राष्ट्रमंडलीय खेल स्पर्धाओं के द्वारा वसुधैव कुटुंबकम का मन्त्र प्रत्यक्ष होता हुआ देखते हैं।
Very short essays.....not too much useful 😕😕
ReplyDeleteCan't You search more clearly
DeleteYes
DeleteWhich eassay sachin
DeleteCan't u see or what which essay is this
DeleteYes you are saying right the essays are small
DeleteIt is sufficient for class seventh
DeleteYes it is sufficient for class 7.I am also studying in class 7.
DeleteTatti esse
DeleteAs long as fuck
DeleteAgree to sachin's comment
ReplyDeleteDear Sir, this is a pragraph not essay.
DeletePositive look, this paragraph and anuched is not essay, nibandh is essay, paragraph is anuched.
Deleteजैसा तन वैसा मन यह कहावत जानते तो सभी हैं परन्तु जो इसका पालन करते हैं वे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देते हैं। खेलों का महत्त्व और उपयोगिता आधुनिक जीवन में और भी अधिक बढ़ गयी है। स्कूलों तथा कॉलेजों में भी अब खेलों पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है। खेल कई प्रकार के होते हैं। कुछ खेल घर में भी खेले जा सकते हैं तो कुछ ऐसे हैं जिनको खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है। वैसे छात्रों के लिए तो मैदान में खेले जा सकने वाले खेल ही अधिक लाभदायक होते हैं। कबड्डी, हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, खो-खो, बॉस्केटबॉल आदि ऐसे ही खेल हैं। इन्हे खेलने से मनोरंजन भी होता है और साथ ही साथ व्यायाम भी। खेल हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने के साथ-साथ हमारे भीतर कई अच्छे और आवश्यक गुणों का विकास भी करते हैं।खेलों से प्रतियोगिता की तथा संघर्ष की भावना सहज ही सीखी जा सकती है। सामूहिक जिम्मेदारी, सहयोग और अनुशासन की भावना का कोषागार खेलों में ही छिपा है। जो देश खेलों में अव्वल आते हैं वे विकास की दौड़ में भी अग्रणी रहते हैं। ओलम्पिक तथा राष्ट्रमंडलीय खेल स्पर्धाओं के द्वारा वसुधैव कुटुंबकम का मन्त्र प्रत्यक्ष होता हुआ देखते हैं।
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ReplyDeleteखेलों का महत्व पर अनुच्छेद लेखन
ReplyDeleteखेलों का महत्त्व पर अनुच्छेद लेखन
जैसा तन वैसा मन यह कहावत जानते तो सभी हैं परन्तु जो इसका पालन करते हैं वे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देते हैं। खेलों का महत्त्व और उपयोगिता आधुनिक जीवन में और भी अधिक बढ़ गयी है। स्कूलों तथा कॉलेजों में भी अब खेलों पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है। खेल कई प्रकार के होते हैं। कुछ खेल घर में भी खेले जा सकते हैं तो कुछ ऐसे हैं जिनको खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है। वैसे छात्रों के लिए तो मैदान में खेले जा सकने वाले खेल ही अधिक लाभदायक होते हैं। कबड्डी, हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, खो-खो, बॉस्केटबॉल आदि ऐसे ही खेल हैं। इन्हे खेलने से मनोरंजन भी होता है और साथ ही साथ व्यायाम भी। खेल हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने के साथ-साथ हमारे भीतर कई अच्छे और आवश्यक गुणों का विकास भी करते हैं।खेलों से प्रतियोगिता की तथा संघर्ष की भावना सहज ही सीखी जा सकती है। सामूहिक जिम्मेदारी, सहयोग और अनुशासन की भावना का कोषागार खेलों में ही छिपा है। जो देश खेलों में अव्वल आते हैं वे विकास की दौड़ में भी अग्रणी रहते हैं। ओलम्पिक तथा राष्ट्रमंडलीय खेल स्पर्धाओं के द्वारा वसुधैव कुटुंबकम का मन्त्र प्रत्यक्ष होता हुआ देखते हैं।
He he he he....
bhai ye to wahi hai jo uper likha hua tha
ReplyDeletekisi reader ne copy karke comment box me paste kar diya hoga.
DeleteVideo games are played at your house and in a ground....they did not add this
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