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प्रत्यय |
प्रत्यय- वह शब्दांश है
जिसका स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता और जो किसी शब्द के पीछे लगकर उसके अर्थ में विशिष्टताया परिवर्तन ला देते है। शब्दों के पश्चात जो अक्षर या अक्षर समूह लगाया जाता है उसे प्रत्यय कहते है।
प्रत्यय के भेद:
- कृत प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
1-कृत प्रत्यय-
जो प्रत्यय धातुओं के अंत में लगते हैं वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे-राखन+हारा=राखनहारा, घट+इया=घटिया, लिख+आवट=लिखावट आदि।
कृत प्रत्यय उदाहरण
1. अन - मनन , चलन
2. आ - लिखा , भूला ,भटका, भूला, झूला
3. आव - बहाव , कटाव , झुकाव
4. इयल - मरियल , अड़ियल , सड़ियल
5. ई - बोली , हँसी ,रेती, फाँसी, भारी
6. उक - इच्छुक, भिक्षुक ,
7. कर - जाकर , गिनकर , लिखकर
8. औती - मनौती , फिरौती
9. आवना - डरावना , सुहावना
10. वाई - सुनवाई , कटवाई , बनवाई
2-तद्धित प्रत्यय-
जो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत में लगकर नए शब्द बनाते हैं तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। इनके योग से बने शब्दों को ‘तद्धितांत’ अथवा तद्धित शब्द कहते हैं। जैसे-अपना+पन=अपनापन, दानव+ता=दानवता आदि।
तद्धित प्रत्यय उदाहरण :
1. ईन - ग्रामीण , कुलीन
2. त: - अत: , स्वत:, अतः
3. आई - पण्डिताई ,चतुराई , ठकुराई
4. क - चमक ,ललक , धमक
5. इल - फेनिल , जटिल
6. सा - ऐसा , कैसा ,वैसा
7. ऐरा - बहुतेरा , सवेरा
8. वान - धनवान , गुणवान
9. ल - शीतल ,कोमल , श्यामल
10. मात्र - लेशमात्र , रंचमात्र
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